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आधुनिकीकरण को सुनिश्चित बनाने के लिए खुले दिल से फंड की माँग

(नई दिल्ली)- पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ मुलाकात की और बेअदबी के घृणित अपराध के दोषियों को सख़्त सज़ाएं देने वाले राज्य के दो महत्वपूर्ण बकाया बिलों के लिए राष्ट्रपति की मंज़ूरी लेने के लिए भारत सरकार के दख़ल की माँग की।यहाँ अमित शाह के साथ उनके दफ़्तर में मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि पवित्र ग्रंथों की बेअदबी राज्य में एक बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में यह महसूस किया गया है कि भारतीय दंड विधान की धाराओं 295 और 295-ए की मौजूदा व्यवस्थाओं के अनुसार पवित्र ग्रंथों की बेअदबी के लिए सजा की समय-सीमा अपर्याप्त है। भगवंत मान ने केंद्रीय गृह मंत्री को बताया कि पंजाब विधान सभा ने ‘इंडियन पैनल कोड (पंजाब संशोधन) बिल, 2018’ और ‘कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसीजर (पंजाब संशोधन) बिल 2018’ पास कर दिया है, जिसमें लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने के इरादे से श्री गुरु ग्रंथ साहिब, श्रीमद भागवत गीता, पवित्र कुरान और पवित्र बायबल की बेअदबी या नुकसान पहुँचाने पर उम्र कैद तक की सज़ा की व्यवस्था की गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह संशोधन हमारे संविधान में दर्ज धर्म-निरपेक्षता के सिद्धांतों के अनुसार है। उन्होंने कहा कि यह बिल अक्तूबर, 2018 से भारत के राष्ट्रपति की मंज़ूरी के लिए लम्बित पड़े हैं। पंजाब सरहदी राज्य होने के कारण आपसी-भाईचारे को कायम रखने के लिए यह बिल ज़रूरी होने पर ज़ोर देते हुए भगवंत मान ने केंद्र सरकार के दख़ल की माँग की, क्योंकि राज्य में सांप्रदायिक शांति और आपसी-भाईचारे को भंग करने की कोशिश कर रहे अपराधियों को सख़्त सज़ाएं देने के लिए इन बिलों के लिए राष्ट्रपति की जल्दी मंज़ूरी की ज़रूरत है।

एक अन्य अहम मुद्दा उठाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय नियमों के अनुसार सरहद पर ज़ीरो लाईन से 150 मीटर तक निर्माण किया जा सकता है, परन्तु पंजाब में कुछ स्थानों पर कँटीली तार ज़ीरो लाईन से काफ़ी दूरी पर भारत की तरफ़ है। उन्होंने एक उदाहरण देते हुए बताया कि गुरदासपुर सैक्टर के अधीन आने वाले ए.ओ.आर. 121 बटालियन बी.एस.एफ. माधोपुर में बॉर्डर पिल्लर नंबर 2/एम से बॉर्डर पिल्लर नंबर 10/12 तक के क्षेत्र में कँटीली तार अंतरराष्ट्रीय सरहद से करीब चार किलोमीटर दूर है। भगवंत मान ने कहा कि क्योंकि खेती वाली ज़मीन का बड़ा हिस्सा अंतरराष्ट्रीय सरहद और मौजूदा बाड़ के बीच आता है, इसलिए बहुत से किसानों को इस ज़मीन पर खेती करने के लिए कँटीली तार से पार जाना पड़ता है, जिस कारण उनको रोज़ाना भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे सीमा सुरक्षा बल के काम का बोझ भी बढ़ता है। उन्होंने कहा कि सरकार को इन किसानों को भी काफ़ी मुआवज़ा देना पड़ता है। भगवंत मान ने केंद्रीय गृह मंत्री से अपील की कि वह राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता किए बिना किसानों के हित में जहाँ भी संभव हो कँटीली तार को अंतरराष्ट्रीय सरहद पर अधिक से अधिक ज़ीरो लाइन की तरफ तबदील करने की संभावनाओं का पता लगाएं।मुख्यमंत्री ने अमित शाह को नई चुनौतियों का प्रभावशाली ढंग से मुकाबला करने के लिए प्रांतीय पुलिस बल के आधुनिकीकरण को सुनिश्चित बनाने के लिए खुले दिल से फंड मुहैया करवाने की भी अपील की। उन्होंने कहा कि सरहद पार से हो रही घुसपैठ और ड्रोन हमलों को रोकने के लिए राज्य बल को अति-आधुनिक यंत्र और हथियार मुहैया करवाना समय की मुख्य ज़रूरत है। भगवंत मान ने कहा कि देश की एकता, अखंडता और प्रभुसत्ता को कायम रखने के लिए यह सबसे ज़्यादा ज़रूरी है।

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