(रितेश चौहान)- धर्मपुर के हज़ारों मनरेगा मज़दूरों का संघर्ष आखिरकार रंग लाया है ग़ौरतलब है कि निर्धारित दिनों का रोज़गार न मिलने के कारण दो दिन पहले ही बीडीओ ऑफिस धर्मपुर में यूनियन के बैनर तले 2304 मज़दूरों ने बीड़ीओ कार्यालय का घेराव करके काम के लिए आवेदन किया था। इस मामले बाद धर्मपुर के विधायक चंद्रशेखर द्वारा सज्ञान लेते हुए इस मामले पर बीड़ीओ को कार्यवाही क़रने के आदेश दिए थे जिसपर तुरन्त कार्यवाई करते हुए आज बीडीओ ऑफिस से इन सभी मज़दूरों को रोज़गार देने के लिए सबंधित ग्राम रोज़गार सेवकों को इनके मस्ट्रोल जारी करने के आदेश जारी कर दिये हैं।रोज़गार के लिए सबसे ज्यादा ग्राम पंचायत सधोट से 400 ग्रयोह से 327 जोढन 237 सजाओ पीपलू से 180 पिपली भराड़ी से 60 डरवाड़ से 132 घरवासड़ा से 67 सरौन से 103 चोलथरा से 184 कोट से 103 सरी से 49 बिंगा से 290 सोहर से 43 दतवाड़ से 39 कोठुवाँ से 48 सिद्धपुर से 32 और ततोहली परडाना से 10 मज़दूरों ने आवेदन किया है।
मनरेगा मज़दूर यूनियन के राज्य महासचिव और पूर्व ज़िला पार्षद भूपेंद्र सिंह ने बताया कि मनरेगा मज़दूरों को रोज़गार न मिलने के लिए केंद्र व राज्य सरकार जिम्मेदार है जो इसके लिए पर्याप्त बजट उपलब्ध नहीं करवा रही है और इसमें कई तरह की अड़चनें खड़ी कर रही है।मनरेगा के अलावा बहुत से ऐसे काम भी पंचायतों में पेंडिंग पड़े हैं जो दूसरे मदों के हैं लेकिन उन्हें ज़िला व खण्ड स्तर के अधिकारी व कर्मचारी पूरा करने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं।हालांकि इन कार्यों में काम करने पर मज़दूरों को 350 रु दिहाड़ी मिलती है जबकि मनरेगा में यह 212 रु दैनिक ही है।उन्होंने कहा कि अभी तक भी 14वें और 15वें वितायोग, ज़िला परिषद, विधायक व सांसद निधि तथा पँचायत समिति शीर्ष के तहत करोड़ों रुपए के काम अधूरे पड़े हैं लेकिन उन्हें भी पूरा नहीं किया जा रहा है।कई पंचायतों में इन्हें ठेकेदारों के माध्यम से भी करवाया जा रहा है लेकिन मनरेगा जॉब कार्ड धारकों को काम नहीं मिल रहा है।
इसलिये यूनियन ने प्रशासन से मांग की है कि मनरेगा मज़दूरों को काम दिया जाये नहीं तो उन्हें बेरोज़गारी भत्ता देने के लिए वे तैयार रहें।कियूंकि जिन मज़दूरों ने लिखित में काम मांगा है वे पन्द्रह दिनों के बाद भते के हक़दार हो जायेंगे।भूपेंद्र सिंह ने ये भी आरोप लगाया कि कुछ पँचायत प्रतिनिधि और पँचायत कर्मचारी मज़दूरों को लिखित में काम न मांगने के लिए दबाब बनाते हैं और उसके कारण मज़दूर काम मांगने से भी डरते हैं लेकिन यूनियन इस तरह के दबाब और मज़दूरों को डराने धमकाने वालों का भी विरोध करेगी।हालांकि धर्मपुर विकास खण्ड में ज़रूरत से बहुत कम कर्मचारी नियुक्त हैं और उनपर काम का बहुत ज्यादा बोझ भी है और उन्हें आजकल पशुओं का सर्वेक्षण करने में लगा दिया गया है और उससे भी पँचायतों का काम प्रभावित हो रहा है।
यूनियन की मांग है कि सभी पंचायतों में सचिव,जीआरएस और तकनीकी सहायक नियुक्त किये जायें तथा ऑनलाईन हाज़री और बीस कामों की शर्त हटाई जाये।इस संदर्भ में धर्मपुर के कार्यवाहक बीड़ीओ बालम राम ने कहा कि सभी 2304 मनरेगा मजदूरों के आवेदन प्राप्त हो चुके हैं, उन्हें काम देने को लेकर सभी ग्राम पंचायतों को सर्कुलर लेटर जारी कर दिया है।