सरकाघाट। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला सरकाघाट (बाल) जिला मंडी में एक दिवसीय सामुदायिक सहभागिता कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि कॉंग्रस कॉमिटी महासचिव पवन ठाकुर रहे। उनके साथ जिला परियोजना अधिकारी बलबीर सिंह भारद्वाज विशेष अतिथि के रूप मे उपस्थित थे। इस कार्यशाला में सरकाघाट जोन के चार शिक्षा खंड गोपालपुर -1, गोपल्पुर-2 धर्मपुर-1, और धर्मपुर – 2 के सभी प्राथमिक, माध्यमिक, उच्च और वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय की पाठशाला प्रबंधन समिति के अध्यक्ष और सदस्यों ने भाग लिया।
कार्यशाला का शुभ आरंभ मुख्य अतिथि ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। ब्लॉक परियोजना अधिकारी गोपालपुर सुरेश पठानियां ने मुख्य अतिथि और सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया। उसके बाद जिला परियोजना अधिकारी समग्र शिक्षा मंडी बलबीर भारद्वाज ने सामुदायिक सहभागिता कार्यशाला की जरूरत और समग्र शिक्षा की विभिन्न गतिविधियों की जानकारी प्रदान की। इसके बाद पाठशाला प्रबंधन समिति के कार्य और उद्देश्य पर जिला समन्वयक चारु वैद्य ने अपने विचार रखे। राष्टीय शिक्षा निति कमलजीत धीमान ने विचार रखें। विद्यान्जलि के उपर पूर्व प्रधानाचार्य बाला राम राणा अपने विचार रखे। खंड प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी गोपालपुर -1 नीलम कुमारी व महाजन सिंह पठानियां ने कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य अतिथि और सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद किया। इस कार्यक्रम का संचालन देव दत्त प्रेमी ने किया।
इस दौरान बी.एड. प्रशिक्षु बच्चों ने स्वागतम गीत प्रस्तुत किए। कार्यक्रम में चार शिक्षा खण्डों से लगभग 600 प्रतिभागियों ने भाग लिया। इस कर्यक्रम का मुख्य उदेश्य सामुदायिक सहभागिता से पाठशालों का विकास व शिक्षा के स्तर मे गुणवत्ता लाने में प्रयास करना। साथ में समाज के प्रबुद्ध बुद्धिजीवियों के परम्परागत विचारों से विद्यालयों का मानसिक, संस्कृतिक, सामजिक उत्थान करना।
इस दौरान जिला परियोजना अधिकारी बलबीर सिंह भारद्वाज, जिला समन्वयक चारू वैद्य, खंड परियोजना अधिकारी गोपल्पुर-1 सुरेश पठानियां, नीलम कुमारी, अजय परवारी, महाजन सिंह गोपालपुर-2 से खंड परियोजना अधिकारी शकुन्तला ठाकुर, प्रधानाचार्य दिनेश ठाकुर, देवेंद्र ठाकुर, अकाउंटेंट सोनिका, शिक्षक एवं लेखक राजेश वर्मा, कपिल गुलेरिया, ढलवान से सुनील ठाकुर, खुडला के एचटी हरी राम, रवींद्र कुमार आदि उपस्थित रहे। पवन ठाकुर ने शिक्षा की गुणवत्ता की बात करते हुए कहा कि हम सरकाघाट क्षेत्र को शिक्षा के क्षेत्र में प्रदेश ही नहीं देश भर में अग्रणी बनाने को प्रयासरत हैं। शिक्षकों व समाज को मिलकर ऐसा प्रयास करना चाहिए कि आने वाली पीढ़ियां विकसित प्रदेश के निर्माण में योगदान दें।