सरकाघाट। तहसील संधोल की ग्वेला पंचायत भारी बारिश के बाद से बंद है जो आज तक नही खुल पाई और सड़क क्या बंद हुई मानो जैसे यहा के लोगों की किस्मत ही उनका साथ छोड़ गई हो। कभी सड़कों के मामले में बुरी तरह हाशिये पर रहे धर्मपुर क्षेत्र में भले ही तीन दशकों में सड़कों का खूब जाल बना लेकिन जैसे ही सत्ता बदली, सड़कें अब जी का जंजाल बन गई हैं। दो माह बाद भी दर्जन भर गांव आज सड़क सुविधा के बिना काला टापू बन गई है। जबकि, लाचार रोंदू प्रशासन जो हमेशा बजट का रोना रोकर बस आश्वासन दे रहा है। संधोल से ग्वेला छेज़ से कनुही सड़क के जरिए जुड़ने वाले दर्जन भर गांव गवेल्ला, बिंध, बकारी, करोहल, छेज, लहसनी, कनुही, खुम्बल इत्यादि के ग्रामीण मानो आजकल बंधक बने बैठे हैं। ग्रामीणों में गुस्सा इस बाबत भी हैं की कभी भी आपदाओं के बाद भी यंहा के डेढ़ हजार बाशिंदे कभी भी ऐसे असहज नही रहे। आज न मरीजों को कोई एम्बुलेंस सेवा है न कोई टैक्सी की सुविधा, स्कूल जाने वाले नन्हे, मरीजों और गर्भवती महिलाओ को लेकर आज भी पैदल ही सफर तय करना पड़ रहा है। बस सुखद और गनीमत ये भी की अभी तक कोई असहज करने वाली क्षति नही हुई कि प्रशासन दवाब में आता।
पिछले माह उपायुक्त मंडी ने पैदल इन गांव का स्वंय दौरा किया था जब यंहा वो इन्हें जिंदा रहने के लिए राशन मुहैया करवाने आये थे और निर्माण विभाग को जल्द सड़क बनाने के निर्देश भी दिए थे जिसके लिये मौके पर ही पांच लाख स्वीकृत भी किए थे लेकिन अभी तक भी प्रशासन विभाग कान में तेल डालकर सोया पड़ा है।
विभिन्न गांव के महिला मंडलो की प्रधान और कोई वार्ड मेंबर से लेकर पंचायत प्रधान तक सब बेसब्री जैसे कैसे आज़ाद होना चाहतें है बाज़ार जाना चाहतें है, लेकिन आज कल बंधक बने इन लोगों से गालियों के सिवा कुछ भी नही निकल रहा। महिला मंडल प्रधान कनुही सीमा देवी, लहशनि लता देवी, बकारी मधु देवी और पंचायत निवासी भागमल, मनोज, डोला राम, रणजीत सिंह, प्यार चंद, तारा चंद, धर्मदास, रतन सिंह, वीर सिंह इत्यादि लोंगो से जब इन गांव की आंखों देखी सुनी तो नम आंखों से बस ये ही बात निकली की कम से कम कोई खैर खबर ही ले लेता, सड़कें तो सिर्फ हमारा भाग्य मात्र है, जो वर्षो बाद मानो सड़को की तरह हाथों की लकीरे घिस मिटी हों। आज दो महीने से ऊपर का समय बीत जाने के बाद भी सड़क छोटे वाहन के लिए भी नही खुल पाई है। जबकि, बसों और भारी वाहनों के लिए यह सड़क कब खुलेगी इसका अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता। बहरहाल ग्रामीण सरकार से गुहार लगा रहे है की एक नजर इधर भी डाल देते तो वो भी मुख्यधारा से जुड़ जाते।
एसडीएम धर्मपुर राजेंद्र गौतम ने बताया की एक जगह डंगा लगना था जो आज तक लगा दिया जाना चाहिए उन्होंने मौके की जानकारी उन्होंने सहायक अभियंता लोक निर्माण विभाग से ली है, हफ्ते भर में सड़क खोल दी जाएगी। उधर लोक निर्माण विभाग धर्मपुर में अधीक्षण अभियंता प्रमोद कश्यप और अधिशासी अभियंता विजय कुमार शर्मा को इसे लेकर कई बार फोन किए, यहां तक की उनके व्हाट्सएप पर मैसेज भी किए गए परंतु किसी ने भी जवाब देना ज़रूरी नहीं समझा।