इस परियोजना से सबसे अधिक फायदा उन लोगों को होने वाला है जिनका प्रतिदिन नोएडा गाजियाबाद दिल्ली फरीदाबाद गुरुग्राम आना-जाना होता है। एनसीआर के जाम में फंस कर उनका घंटों समय व पैसा बर्बाद होता है। इस परियोजना से प्रतिदिन दिल्ली एनसीआर के शहरों के लोग छह से 12 मिनट खर्च कर एयर टैक्सी के माध्यम से अपने गंतव्य तक आसानी से आ जा सकेंगे। इससे उनका समय भी बचेगा। मिनिस्ट्री ऑफ सिविल एविएशन (एमओसीए), मिनिस्ट्री ऑफ होम एफेयर (एमएचए), डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए), एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई), डिजिटल स्काई के संयुक्त प्रयास से पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) माडल पर एयर टैक्सी (इलेक्ट्रिक व्हीकल एयर ड्रोन) का संचालन करने की योजना है। देश में इस योजना को पहली बार एनसीआर में शुरू किया जाएगा, जिसके सर्वे का काम पूरा हो चुका है। सर्वे में छह रूट पर पर एयर टैक्सी संचालित की योजना है। इसके लिए एनसीआर में 48 स्थानों पर हेलीपोर्ट का निर्माण होगा। हालांकि लोकसभा चुनाव के कारण आदर्श आचार संहिता लगी हुई है। इसलिए परियोजना पर काम धीमी गति से चल रहा है, लेकिन परियोजना को धरातल पर उतरकर लोगों को लाभांवित करने के लिए दो वर्ष की समय सीमा निर्धारित की गई है। बता दें कि इस परियोजना से सबसे अधिक फायदा उन लोगों को होने वाला है, जिनका प्रतिदिन नोएडा, गाजियाबाद, दिल्ली, फरीदाबाद, गुरुग्राम आना-जाना होता है। एनसीआर के जाम में फंस कर उनका घंटों समय व पैसा बर्बाद होता है। इस परियोजना से प्रतिदिन दिल्ली एनसीआर के शहरों के लोग छह से 12 मिनट खर्च कर एयर टैक्सी के माध्यम से अपने गंतव्य तक आसानी से आ जा सकेंगे। इससे उनका समय की बचत होगी।
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