करनाल में राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष पहुंचे हुए थे उन्होंने कहा कि अगर गुर्जर शब्द हटा दिया जाएगा तो स्वागत है, नहीं हटाया जाएगा तो हटाना आता है, राजपूत समाज रीड की हड्डी है अगर वो हटा दिया जाए तो फिर सिर्फ कंकाल बचेगा और कुछ नहीं, पार्टी एक मिनट में धराशाई हो जाएगी, किसी भी विधानसभा में आप जाएंगे तो आपको वहां क्षत्रिय समाज के लोग सबसे जेड मिलेंगे, जिस पार्टी को हमने खड़ा किया, अगर वही हमें गिराने का प्रयास करेगी, हमारे स्वाभिमान को ठेस पहुंचाएगी तो पार्टी का अस्तित्व बचेगा नहीं, 3 राज्यों में हमने साफ किया था , अगर सरकार ने वहां से गुर्जर शब्द नहीं हटाया तो ये नारा पूरे देश में जाएगा कमल आ फूल, हमारी भूल। वहीं कई ऐसे लोगों ने भी इस्तीफा दिया जो भाजपा युवा मोर्चा और जिला भाजपा के लिए काम करते हैं और राजपूत समाज से संबंध रखते हैं, वहीं बजरंग दल और आरएसएस में पद पर काम करने वाले पदाअधिकारी भी सरकार से नाराज दिखे और उन्होंने भी इस्तीफा दे दिया, मांग एक ही है कि गुर्जर शब्द हटाया जाए और वहां अपर हिंदू सम्राट मिहिर भोज लिखा जाए, देखना ये होगा कि ये नाम को लेकर छिड़ी जंग कब तक शांत होती है।
