हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है और पेश होने वाले बजट से यमुनानगर की फ्लाई इंडस्ट्री जो कि संकट से जूझ रही है उसे इस बजट से काफी उम्मीद है। कि इस बजट में कुछ ऐसा मिलेगा कि जिससे उनका उद्योग और बढ़ पाएगा।प्लाई बोर्ड एसोसिएशन के अध्य्क्ष और अन्य उद्योगपतियों की माने तो किसी समय में पूरे विश्व में यमुनानगर की प्लाई उद्योग का डंका बजता था ।लेकिन धीरे-धीरे कहीं राज्यों में यूनिट खोलने के बाद और अब इसमे बहुत ज्यादा कम्पीटीशन हो गया है लेबर ,सामान सब बाहर से आता है और हरियाणा में इतनी खपत नही है थोड़ा महंगा करने पर माल बिकता नही है।आज यमुनानगर का प्लाई बोर्ड उद्योग संकट में है।काफी फैक्टरियां बन्द हो चुकी है।
ऐसे में ज्यादा से ज्यादा निर्माण होगा तो उतना ज्यादा ही प्लाई बोर्ड की खपत होगी। निर्माण में हमारी चीजें लगती हैं जब निर्माण होती है प्लाई बोर्ड ,स्टील और अन्य चीजें लगती है। जब हरियाणा में प्लाई बोर्ड की खपत होगी तो इससे सरकार का रेवेन्यू भी जनरेट होगा।हम यह नहीं चाहते कि केवल प्लाईवुड उधोग के लिए बल्कि हर उद्योग के लिए सरकार इस बजट में कुछ ऐसा करेगी जिससे सभी उद्योगों को फायदा मिले।सरकार कुछ ऐसा करेगी प्लाई बोर्ड की खपत अगर यही हरियाणा में हो तो इससे उद्योग और बढ़ेगा तो वही सरकार को वही रेवेन्यू मिलेगा। कुछ उद्योगपतियों ने कहा कि कई बार मांग की गई है कि मंडी समिति की जो 2% फीस है उसे भी सरकार हटाए। प्लाई उधोग से जुड़े अजय गुप्ता और राजेश मसकारा ने बताया कि बहुत परेशानी चल रही है लकड़ी बहुत महंगी हो चुकी है सारी लकड़ी बाहर से आती है काफी फैक्ट्रियां बंद हो चुकी हैं सरकार से उम्मीद करेंगे हमारे लिए इस बजट में कुछ ऐसा करें कि इस इंडस्ट्री का सरवाइवल रहे। इस इंडस्ट्री को बचाने के लिए सरकार कुछ ना कुछ करें। कोई सेल बूस्टर मिले कोई ऐसी लैब बनाई जाए जिससे हमारी क्वालिटी और बैटर हो जाए। मंडी समिति की फीस हटाई जाए। कुछ सीमित समय के लिए पैकेज देकर टैक्स में कुछ राहत दी जाए यमुनानगर के लिए काफी संकट भरा समय है प्लाइवुड इंडस्ट्री के लिए। मार्केट फीस को लेकर सरकार ने कई बार आश्वासन दिया है लेकिन मार्केट फीस नहीं हटी। इससे हमें कंपटीशन करने में आसानी होगी 90% माल पहले यमुनानगर से ही सारी जगह जाता था। अब कंपटीशन बहुत तक हो चुका है क्योंकि हर जगह प्लाईबोर्ड उद्योग खुल चुके हैं। सरकार प्लाइवुड इंडस्ट्री के लिए यहां पर इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाएं ताकि यहां पर ज्यादा से ज्यादा सेल हो। यहां पर से नहीं है बाहर ही हमें बेचना पड़ता है। हमारी लेबर भी बाहर से आती है सामान भी बाहर से आता है आज प्लाईवुड उद्योग संकट से जूझ रहा है हमारे यहां की कोई अपनी चीज नहीं है। सरकार इस दिशा में कोई कदम उठाए। अब देखना होगा कि प्रदेश का बजट उद्योगपतियों के लिए कितना लाभकारी सिद्ध होगा।