झज्जर। अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल बैठी आशा वर्करों ने अब जेल भरो आंदोलन की रणीनति तैयार करनी शुरू कर दी है। बुधवार को आशा वर्करों की हड़ताल का 44वां दिन था। आंदोलन के दौरान हड़ताल पर बैठी आशा वर्करों ने सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार अपनी हठधर्मी पर उतारू है। लेकिन सरकार यह अच्छी तरह से समझ ले कि उनकी मांग पूरी नहीं होती है तो वह चुनाव होने तक अपने धरने पर डटी रहेंगी। आशा वर्करों ने कहा कि 25 सितम्बर से वह अपने बच्चों और परिवार के साथ जेल भरो आंदोलन का हिस्सा बनेंगी।
आशा वर्करों ने दो टूक कहा कि निकट भविष्य में होने वाले चुनाव में वह अपनी वोट से सरकार पर चोट करेंगी और उसे सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाएगीं। सरकार पर आशा वर्करों ने उनके संगठन को तोडऩे का प्रयास करने का भी आरोप लगाया। उनका कहना था कि हरियाणाभर की 20123 आशा वर्कर उनके साथ है। वह न तो झुकेंगी और न ही बिकेंगी। उन्होंने अपनी मांग को जायज बताया और कहा कि वह न्यूनतम वेतन 26 हजार मांग रही है जिसे सरकार को हर हाल में पूरा करना होगा। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि सरकार उनके संगठन से वार्ता कर उनकी मांग को पूरा करे। अन्यथा वह दिन दूर नहीं है जब वह सरकार की सत्ता की चूलें हिला देंगी। इस दौरान आशा वर्करों ने ग्रामीण आंचल के लाभान्वित परिवारों के कार्य भी प्रभावित हो रहे है।