चंडीगढ़ कांग्रेस ने आज यहां राष्ट्रीय नर्सिंग शिक्षा संस्थान, पीजीआई , चंडीगढ़ की प्रिंसिपल द्वारा नर्सिंग की 36 छात्राओं को एक सप्ताह के लिए छात्रावास से बाहर निकलने पर रोक लगाने के आदेश की निंदा की है। 30 अप्रैल को प्रधानमंत्री की ‘मन की बात’ के 100वें एपिसोड के प्रसारण के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होने से इनकार करने के लिए इन छात्रों को पी जी आई द्वारा दंडित किया गया है.
चंडीगढ़ कांग्रेस के प्रवक्ता राजीव शर्मा ने नर्सिंग छात्रों के खिलाफ पीजीआई अधिकारियों द्वारा पारित इस निरंकुश आदेश पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि मोदी सरकार और देश की सरकारी संस्थाएँ देश के लोगों को संविधान द्वारा दी गई स्वतंत्रता को कमतर करने का लगातार प्रयास कर रही हैं।
यह आरोप लगाते हुए कि छात्रों, शिक्षकों और दूसरे सरकारी कर्मचारियों के महीने में एक बार प्रसारित होने वाले प्रधानमंत्री के मासिक प्रोग्राम को सुनने के लिए मजबूर किया जाता है, कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि पिछले रविवार को 100वें एपिसोड के दौरान अधिक से अधिक सुनने वालों की व्यवस्था करने के लिए सरकारी मशीनरी का बेलगाम दुरूपयोग हुआ.
प्रधानमंत्री के ‘मन की बात’ के 100वें एपिसोड को नर्सिंग छात्रों के लिए अनिवार्य करने के पीजीआई निदेशक और नर्सिंग कॉलेज के प्रिंसिपल के निर्देश की आलोचना करते हुए प्रवक्ता ने आगे आरोप लगाया कि ऐसा लगता है कि चण्डीगढ़ का यह नामी गिरामी चिकित्सा संस्थान भी सरकारी मशीनरी का दुरूपयोग करने के ऐसे प्रयासों के आगे नतमस्तक हो गया है, यही कारण है कि संस्थान को अपने छात्रों को पीएम के मासिक प्रसारण के दौरान उपस्थित रहने के लिए आदेश जारी करना पड़ा और ऐसा न करने पर निर्दोष छात्राओं को दंडित किया गया है।
प्रवक्ता ने आगे कहा, “चंडीगढ़ कांग्रेस 36 नर्सिंग छात्राओं को उनके अपने अपने छात्रावासों से बाहर निकलने पर प्रतिबंध लगाने के अलोकतांत्रिक आदेश का पुरजोर विरोध करती है और निदेशक पीजीआई से आग्रह करती है कि वह अपने इस मनमाने आदेश को तुरंत वापस लें।”