झज्जर शहर में पूर्व सैनिकों ने वन रैंक-वन पेंशन, मिलिट्री सर्विस-पे समेत कुछ अन्य मांगों को लेकर आवाज बुलंद की। सैकड़ों की संख्या में पूर्व सैनिक शहर में एकत्रित हुए और पैदल मार्च निकालते हुए जिला सचिवालय पहुंचकर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व रक्षा मंत्री के नाम उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा।
पूर्व सैनिकों ने झज्जर को सैनिकों की खान बताते हुए अपने हक की आवाज पूरे अनुशासन में रहकर उठाने की बात कहते हुए एकजुट होने का संदेश दिया। पूर्व सैनिकों की और से ‘वन रैंक-वन पेंशन’ ‘OROP’ में जवान, जेसीओ, ऑनररी रैंक के साथ भेदभाव के गंभीर आरोप लगाए गए है।
पूर्व सैनिक ने बताया कि ओआरओपी में जवानों के साथ हुए भेदभाव के चलते 20 फरवरी से जंतर-मंतर दिल्ली में धरना-प्रदर्शन लगातार चल रहा है तथा यूनाइटेड फ्रंट ने यह फैसला लिया है कि 3 अप्रैल को पूरे देश के सभी जिलों के पूर्व सैनिक, सिपाही से लेकर ऑनररी रैंक तक अपने-अपने जिलों में संगठित होकर संबंधित DC के माध्यम से देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व रक्षा मंत्री को अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपने का आह्वान किया गया था। रोष मार्च के दौरान भारी संख्या में पूर्व सैनिक मौजूद रहे।
पूर्व सैनिकों ने जिला सचिवालय पर पहुंचकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान सुरक्षा के मद्देनजर सचिवालय के बाहर भारी संख्या में सुरक्षा कर्मी तैनात रहे। पूर्व सैनिकों ने डीसी के माध्यम से अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा। उन्होंने सरकार से उनकी मांगों को तुरंत पूरा करने की मांग की।