-कमलेश भारतीय
श्रेष्ठ धाविका रहीं पी टी उषा का सम्मान हाॅकी कप्तान संदीप सिंह की तरह दिलों में था लेकिन जब से संदीप सिंह पर महिला कोच ने यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाये तब से उनकी छवि धूमिल होती जा रही है । अभी नार्को टेस्ट का फैसला होने वाला है और उधर महिला कोच पर कोई अज्ञात व्यक्ति गाड़ी चढ़ाने की कोशिश करता है । कभी एक करोड़ देने की कोशिश की जाती है तो कभी जो मांगेगी , वही मिलेगा लेकिन यह केस वापिस ले लो !
भारतीय ओलम्पिक संघ की अध्यक्ष और श्रेष्ठ धाविका को यह बहुत मामूली बात लगती है और इससे देश की छवि को कोई क्षति नहीं पहुंचती ? अभी वे दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरने पर बैठीं महिला पहलवानों के धरने पर इसे अनुशासनहीनता करार दे रही हैं और देश की छवि धूमिल करने वाला कदम कह रही हैं । पहलवानों ने जवाब में कहा कि पहले तो ऐसे बयान की आपसे उम्मीद ही नहीं थी । फिर भी जब आपकी खेल अकादमी पर हमले हो रहे थे तब आप रो रोकर सबसे सहयोग की अपील रही थीं , अब महिला पहलवानों को उनकी दुख की घड़ी में अनुशासन का पाठ पढ़ाने चली आईं ! पी टी उषा को महिला पहलवानों की तकलीफ समझनी चाहिए थी न कि अनुशासन का पाठ पढाना चाहिए था ।
अभी महिला पहलवानों के धरने को भूपेंद्र सिंह हुड्डा, सुशील गुप्ता और अभय चौटाला अपना समर्थन दे चुके हैं । खाप पंचायतों ने भी समर्थन दे दिया है । महिला पहलवानों ने जंतर-मंतर पर ही अपनी प्रैक्टिस भी जारी रखी है ।
इधर हरियाणा कुश्ती संघ के मिसाइल राकेश की दलील भी संघ लीजिए कि फौगाट परिवार कुश्ती संघ पर कब्जा करना चाहता है और इसके पीछे कांग्रेस का हाथ है । वे भड़का रहे हैं पहलवानों को ! बजरंग सरकारी अधिकारी हैं वे कैसे बिना अनुमति धरने पर बैठे हैं ? अनुराग ठाकुर की भी सुनिये । उनका कहना है कि हम निष्पक्ष जांच चाहते थे । उनके कहने पर ही बबिता को जांच में शामिल किया । कोई किसी भी थाने में केस दर्ज करवा सकता है । सरकार खिलाड़ियों के साथ खड़ी है । फिर कांग्रेस कहां से आ गयी ?
कुश्ती संघ के संचालन के लिये तीन सदस्यीय पैनल गठित कर दिया गया है और इसके अध्यक्ष हाईकोर्ट के रिटायर जज होंगे ।
फिर भी बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का ढिंढोरा पीटने वाली सरकार को बेटियों को जंतर-मंतर पर बैठने से रोकने का कोई कारगर उपाय तो करना चाहिए कि अध्यक्ष बृजभूषण को बचाने की फिक्र की जायेगी ? अभी तक तो ऐसा ही हो रहा है दिख रहा है । आगे की राम जाने !
