मोगा, 25 अगस्त 2023: पंजाब सरकार राज्य में धान की पराली का उचित प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी कदम उठा रही है। किसानों को भारी सब्सिडी पर अत्याधुनिक पर्यावरण-अनुकूल कृषि उपकरण उपलब्ध कराए जा रहे हैं और अब पंजाब सरकार ने पराली की गोलियां बनाने के लिए औद्योगिक इकाइयां स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने की घोषणा की है। इन सुविधाओं का मुख्य उद्देश्य पराली को सड़ने से बचाना, इसे आय का जरिया बनाना और पर्यावरण प्रदूषण को रोकना है। (Punjab News)
इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए डिप्टी कमिश्नर मोगा कुलवंत सिंह ने बताया कि यह सहायता पंजाब राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और पर्यावरण विभाग द्वारा दी जा रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र/राज्य सरकार द्वारा बनाई गई नीतियों के अनुसार, पंजाब में पराली पैलेट की वार्षिक मांग 10 लाख टन प्रति वर्ष होने का अनुमान है। इसी तरह, पंजाब सरकार ने 1 मई, 2023 से पंजाब में ईंट भट्टों में 20 प्रतिशत कोयले के स्थान पर धान के भूसे के छर्रों/गांठों का उपयोग करना अनिवार्य कर दिया है।
उन्होंने कहा कि नॉन-टोररिफाइड/टॉरिफाइड पेलेट्स की औद्योगिक इकाई स्थापित करने में 1 टीपीएच और 5 टीपीएच क्षमता के संयंत्रों के लिए क्रमशः 28 लाख और 140 लाख की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। इसके तहत प्लांट और मशीनरी की कुल लागत का 40 प्रतिशत आवेदक को वहन करना होगा। आवेदक उक्त संयंत्र हेतु अन्य योजनाओं से भी वित्तीय अनुदान प्राप्त कर सकता है। नई लघु और मध्यम औद्योगिक इकाइयों (एमएसएमई) के लिए पंजाब सरकार द्वारा अधिक वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा। (Punjab News)
उन्होंने बताया कि इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक को ऑनलाइन पोर्टल http://125.19.52.218/cpcb_pellet_grant/ पर आवेदन करना होगा। आवेदनों पर पहले आओ पहले पाओ के आधार पर विचार किया जाएगा। अधिक जानकारी के लिए हेल्पलाइन नंबर 9501005783 पर भी संपर्क किया जा सकता है। उपायुक्त ने अधिक से अधिक लोगों एवं कंपनियों से इस योजना का लाभ उठाने की अपील की है|