हिमाचल प्रदेश में रविवार (10 सितंबर) को धूप और बादलों के बीच लुकाछिपी का खेल देखने को मिला। राज्य के कई स्थानों पर धुप के साथ-साथ बादल भी छाए रहे| वही, सुबह से ही राजधानी शिमला समेत प्रदेश के कई स्थानों पर बादल छाए रहे और दोपहर के बाद घना कोहरा छा गया। कुफरी समेत कई अन्य स्थानों पर बारिश दर्ज की गई।
प्रदेश में बीते 24 घंटों के दौरान नाहन में 49 मिलीमीटर के करीब बारिश दर्ज की गई हैं। बादलों और बारिश के कारण प्रदेश में न्यूनतम तापमान में एक से दो डिग्री की गिरावट दर्ज की गई है। जबकि अधिकतम तापमान में एक से दो डिग्री का ही अंतर देखने को मिला है और प्रदेश के कुछ स्थानों पर वृद्धि और कुछ में गिरावट दर्ज की गई है।
मौसम विभाग ने अपने जारी किए गए ताजा भविष्य-कथन में बताया कि सोमवार को प्रदेश में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना जताई गई है। जबकि कुछ स्थानों पर बादलों के साथ धूप के खिले रहने का अनुमान लगाया है। प्रदेश में एक NH समेत 128 सड़कें अभी भी यातायात के लिए बंद हैं और इन्हें खोलना का प्रयास जारी हैं जिसे जल्द खोल दिया जाएगा। अगर बात करे हिमाचल में आई आपदा के कारण हुई तबाही की तो अब तक प्रदेश में नुकसान का आकलन 8677.79 करोड़ पहुंच गया है।
इस बार भारी बारिश ने तो जैसे हिमाचल को तबाह ही कर दिया। प्रदेश के अलग-अलग स्थानों पर भूस्खलन, बाढ़ और बादल फटने के कारण काफी नुक्सान हुआ हैं और प्रदेश में अभी तक 421 लोगों की विभिन्न कारणों से मौत हो चुकी है। जिसमें से 144 लोगों की मौत भूसखलन, बाढ़ और बादल फटने के कारण हुई है। मानसून के दौरान 2552 मकान पूरी तरह से आपदा के ढह हो चुके हैं। 10920 मकानों को नुकसान हुआ है। 318 दुकानों के साथ 5692 गौशालाओं को नुकसान पहुंचा है। प्रदेश में अब तक हुए नुकसान में लोक निर्माण विभाग का नुकसान 2941.54 करोड़, जल शक्ति विभाग को 2118.97 करोड़, बिजली बोर्ड को 1740.16 करोड़ का नुकसान हुआ है। हालांकि, प्रदेश में हुए इतने भारी नुक्सान के लिए अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री प्रदेश के मुख्यमंत्री सुक्खू को राहत के लिए राशि देकर उनकी सहायता कर रहे हैं|