डीसी जगदीश शर्मा ने कहा कि राजा राम मोहन राय एक समाज सुधारक थे, जिन्होंने विशेष तौर से नारी सशक्तिकरण की दिशा में अनेकों कदम उठाए। नारी शिक्षा को उन्होंने बढ़ावा दिया, उस समय नारी शिक्षा के खिलाफ विचारधारा समाज में व्याप्त थी, जिसे तोड़ते हुए उन्होंने सामाजिक कुरीतियों को दूर किया।
डीसी जगदीश शर्मा जिला पुस्तकालय में राजा राम मोहन राय के जन्म दिवस के उपलक्ष पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस मौके पर उन्होंने नारी सशक्तिकरण रैली को रवाना किया, जोकि जिला पुस्तकालय से चलकर लघु सचिवालय परिसर में संपन्न हुई। डीसी जगदीश शर्मा ने कहा कि राजा राम मोहन राय ने सती प्रथा और बाल विवाह प्रथा को खत्म करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया था। उस समय नारी और पुरूष में असमानता की विचारधारा थी, जिसे खत्म करते हुए उन्होंने नारी को बराबर का दर्जा दिलवाया।
डीसी जगदीश शर्मा ने उपस्थित छात्राओं से संवाद करते हुए कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़े, जिससे ऊंचे से ऊंचा मुकाम हासिल किया जा सकता है। शिक्षा ऐसी पूंजी है, जोकि बंद किस्मत के ताले खोल सकती है। वर्तमान परिवेश में महिलाएं शिक्षा के क्षेत्र में परचम हासिल कर रही हैं। कोई भी परीक्षा परिणाम हो तो लड़कियां मैरिट में अपना स्थान हासिल करके अपनी उपस्थिति का अहसास करवाती हैं। आज महिलाएं हर क्षेत्र में पुरूषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रही हैं, चाहे देश सेवा की बात हो या अन्य कोई क्षेत्र हो, महिलाएं आगे आ रही हैं।
पुस्तकाध्यक्ष श्याम सुंदर कौशिक ने डीसी जगदीश शर्मा का स्वागत किया और राजा राम मोहन राय के जीवन पर प्रकाश डाला। उन्होंने जिला पुस्तकालय में छात्र-छात्राओं को दी जाने वाली सभी सुविधाओं के बारे में बताया।
इस मौके पर पुस्तकाध्यक्ष श्याम सुंदर कौशिक, डीएलसी कमेटी सदस्य ज्ञान चंद भल्ला, जूनियर लाईब्रेरियन सुनीता, लाईब्रेरी कीपर संतोष, नितिश कुमार, रीना शर्मा, कर्ण सिंह, अजय कुमार, मनीषा, संजय शर्मा, कृष्ण कुमार, पूनम, जरनैल, मंजू, नरमेल सिंह, सुनील दत्त आदि मौजूद रहे।
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