-कमलेश भारतीय
दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना दे रहीं महिला पहलवानों के ऊपर कुश्ती संघ के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने गौंडा के अपने एक कार्यक्रम में महाभारत के बीच रामयाण को ला दिया जब कहा कि विनेश की भूमिका मंथरा और कैकयी से कम नहीं है ! इस पर विनेश ने भी पलटवार करते कहा कि बृजभूषण शरण सिंह का किरदार मेरे लिये रावण से कम नहीं है और एक नहीं बल्कि न जाने कितनी खिलाड़ियों के शोषण का इन पर आरोप है । जिस प्रकार रावण का अहंकार उसे ले डूबा वैसे ही एक दिन जनता इनका भी हिसाब करेगी । किसी के कुछ कहने से आंदोलन प्रभावित नहीं होने वाला ! विनेश के पति सोमवार राठी ने कहा कि बृजभूषण शरण सिंह केइस बयान से साबीत होता है कि कितनी गंदगी पहलवानों के प्रति इनके मन में भरी पड़ी है ! कल दिल्ली और हिसार में सरकार को जगाने के लिये केंडल मार्च भी निकाले गये । इस तरह आंदोलन जारी है और बयानों से गर्मी में भी सरगर्मियां बढ़ती जा रही हैं !
अभी तक पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा , पूर्व केंद्रीय मंत्री चौ वीरेंद्र सिंह , अरविंद केजरीवाल, अभय चौटाला ,स्वाति मालवाल और अन्य अनेक नेता इस आंदोलन को समर्थन देने पहुंच चुके हैं । दुष्यंत,चौटाला व अनिल विज ने भी इसे समर्थन दिया है लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं । यह लोकतंत्र है । धरना प्रदर्शन और अन्य तरीके से अपनी आवाज सरकार तक पहुंचाना कोई गलत बात नहीं लेकिन शुरू में तो पुलिस भी अच्छी तरह पेश नहीं आ रही थी । आखिर इतने दिन तक सरकार को कुछ भी दिखाई दे रहा ? सीआईडी या गुप्तचर एजेसियां अपना धर्म नहीं निभा रहीं ? सूचनाओं का पूरा पूरा संसार है फिर भी क्यों हमारी सरकार मूकदर्शक बनी हुई है ?
महिला पहलवान कोई खुशी से धरने पर नहीं बैठीं । जब इंतहा हो गयी तभी यह फैसला लेने पर मजबूर होना पड़ा ! कौन चाहता है कि धरने पर बैठें और अपना करियर दांव पर लगाये ? कोई नहीं चाहता ! फिर क्यों इनकी सुनवाई नहीं होती ? क्यों बृजभूषण की जुबान पर लगाम नही लगाई जाती ? कब तक ऐसी ऐसी बयानबाजी की छूट रहेगी ? कहां और कितना निचले स्तर तक जायेगा यह सिलसिला ? बेटियों की इज्जत का सवाल है यह कहना है दीपेन्द्र हुड्डा का और सभी को इसी दिशा में सोचना चाहिए । बेटियों का सम्मान कीजिए ।