इसी कड़ी में हिसार जिले के गांव मलापुर निवासी रोहताश खिलेरी बिश्नोई ने यूरोप महाद्वीप की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट एल्ब्रुस को फतेह कर एक रिकार्ड कायम किया है। रोहताश इससे पहले साल 2020 में यूरोप महाद्वीप की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट एल्ब्रुस को समर और विंटर सीजन में फतह किया था और ऐसा करने वाले वो पहले भारतीय बन गए हैं। (Haryana News)
रोहताश खिलेरी बिश्नोई ने बताया कि उन्होंने 15 अगस्त को 24 घंटे माउंट एल्ब्रुस के शिखर पर रुकने का रिकॉर्ड बनाने के प्रयास में थे लेकिन खराब मौसम के कारण अभियान को रोकना पड़ा। उन्होंने अपने अनुभव को साझा करते हुए बताया कि यूरोप महाद्वीप की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट एल्ब्रुस को फतह करने को लेकर वहां पर कुछ लोगों ने पागलपन बोला तो कुछ ने कहा कि यह नामुमकिन है क्योंकि वहां पर हड्डियों को गला देने वाली ठंड और तेज तूफान तथा रात के समय तापमान माइनस 30 डिग्री तक चला जाता है। इसलिए ऐसी जगह पर 24 घंटे रहना अपने आप में बहुत बड़ा चैलेंज था। रोहताश बिश्नोई ने बताया कि अपनी ट्रेनिंग और एक्सपीरियंस के बलबूते चार घंटे वह शिखर पर रुका लेकिन खराब मौसम होने के कारण रेस्क्यू टीम ने उसे नीचे बुला लिया। इसी कारण मिशन वहीं रोकना पड़ा था। मैंने सोच लिया था कि मैं हार नहीं मानूंगा और फिर से इस मिशन को अटेम्प्ट करूंगा एक अच्छे मौसम के साथ। इस बार 24 घंटे भारत का तिरंगा एल्ब्रुस के शिखर पर लहराकर ही आउंगा।
इससे पहले रोहताश साल 2020 में इस चोटी को पहले विंटर सीजन में फतेह कर चुके हैं। उसी समय वे यहां पर 24 घंटे रुकने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के प्रयास में थे, लेकिन उसके साथ गए गाइड की हालत खराब होने के चलते उन्होंने मानवता का परिचय देते हुए अपने रिकॉर्ड से ज्यादा गाइड की जान बचाना जरूरी समझा।रोहताश बिश्नोई 21 मार्च 2021 को माउंट किलिमंजारो पर 24 घंटे रहने वाले दुनिया के पहले पर्वतारोही हैं। 16 मई 2018 को दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट एवरेस्ट फतह कर चुके है। वहीं समर व विंटर सीजन में चोटी माउंट एल्ब्रुस फतेह करने वाले रोहताश खिलेरी बिश्नोई पहले भारतीय बन गए हैं। । (Haryana News)