हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण प्रदेश में तबाही मची हुई हैं. भारी बारिश से हुई तबाही कम होने का नाम नहीं ले रही है। वही अब, सोलन के पट्टा नाली पंचायत का सलगा गांव भी ज़मीन में धंसना शुरू हो गया है। इस गांव में एक दर्जन से ज्यादा मकानों में दरारें आने से लोग गांव छोड़कर चले गए हैं। आर्थिक दृष्टि से संपन्न लोगों ने पट्टा में किराए पर मकान ले लिए हैं। वहीं उन्ही में से कुछ लोगों ने अपने रिश्तेदारों के यहां अपना सामान रखा है, जबकि गरीब लोग जंगल में झुग्गियां बनाकर रहने को मजबूर हैं। (Solan News)
इस गांव में बना प्राथमिक स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्र भी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए है। जिस कारण बच्चे भी स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। सलगा गांव के दयाराम, विक्की, रमेश कुमार, राकेश कुमार, लेखराम, धनीराम, बाबू राम, आसा राम, रामचंद, धर्मचंद, पंकज, तारा चंद, सवारूं राम समेत अन्य लोगों के घरों में दरारें आ गई। गांव के साथ लगती पहाड़ी भी ज़मीन में धंस रही है। इस कारण गांव की जमीन भी अपनी जगह से हिलने लगी है। हालांकि, गांव में रह रहे लोगो द्वारा अपने घर खाली किए जा चुके हैं|
खतरा बढ़ने की आशंका के कारण लोग यहां से शिफ्ट हो गए हैं। लोगों को अपने मवेशियों की सबसे ज्यादा चिंता सता रही है। पंचायत के प्रधान हेमचंद कश्यप ने बताया कि स्कूल व आगंनबाड़ी केंद्र का भवन भी दरारें आने से पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है, जिससे वर्तमान में दोनों संस्थान बंद हैं। कोली समाज के प्रदेश यूथ अध्यक्ष विनोद कश्यप ने कहा कि सीएचटी कविता देवी ने गांव में स्कूल चलाने के लिए निजी मकान की मांग की थी। इसके लिए गांव के मोहन लाल ने अपना एक कमरा व रसोईघर स्कूल को देने की बात कही है। एसडीएम (SDM) दिव्यांशु सिंगल ने बताया कि प्रशासन की ओर से गांव के प्रभावित परिवारों को पांच-पांच हजार रुपये की फौरी राहत व तिरपालें दी हैं। लोगों को सुरिक्षत स्थान पर जाने को कहा गया है। हालांकि, अब सभी लोग अपने मकान खाली करके किसी सुरक्षित स्थान पर जा रहे हैं| (Solan News)