सरकाघाट। अपने विषय और छात्रों से गहरा लगाव रखने वाले सेवानिवृत कला अध्यापक राजेंद्र कुमार सेवानिवृत्ति के पश्चात भी बिना किसी वेतन के अपनी स्थानीय पाठशाला राजकीय माध्यमिक पाठशाला बांदल (अंडर कॉम्प्लेक्स राजकीय उच्च माध्यमिक पाठशाला टिहरा) में पिछले एक वर्ष से कला विषय को बच्चो को पढ़ा रहे है। जो अपने आप में एक मिसाल है। साठ वर्ष के राजेंद्र कुमार गांव संदेहडा डाक घर खौदा सब तहसील टिहरा से संबध रखते है। राजेंद्र कुमार ने साढ़े उन्नीस वर्ष बतौर कला अध्यापक और बारह वर्ष बतौर बुनियादी अध्यापक हिमाचल प्रदेश के शिक्षा विभाग में सेवाएं प्रदान की है।
साल 2022 में ये राजकीय उच्च माध्यमिक पाठशाला भराड़ी (सजाओ पीपलू) से बतौर कला अध्यापक सेवानिवृत हुए है। सेवानिवृत्ति के पश्चात राजेंद्र कुमार को जब ये पता लगा कि उनके गांव के पास ही के राजकीय माध्यमिक पाठशाला बांदल में कला अध्यापक का पद खाली चल रहा है तो उन्होंने बजाय घर में आराम करने के इस पाठशाला के बच्चों को पढ़ाना ज्यादा बेहतर समझा उसके बाद एक साल बीत गया राजेंद्र कुमार तब से इन बच्चो को बड़ी ही तन्मयता के साथ बिना किसी वेतन या किसी और अपेक्षा के पढ़ा रहे हैं। वे कहते हैं कि इस विभाग ने उन्हे बहुत कुछ दिया है अब उनकी भी जिम्मेवारी बनती है कि किसी तरह थोड़ा बहुत कर्ज चुकता किया जाए साथ ही वे कहते है की उनको अपने विषय से और बच्चो से बहुत प्यार है और जब तक पाठशाला चाहेगी वो अपनी सेवा जारी रखेंगे।
अन्य अध्यापक भी समाज में रखें ऐसा उदाहरण – चंद्रेशखर
विधायक चंद्रशेखर जिला पार्षद वंदना गुलेरिया पूर्व जिला पार्षद भूपेंद्र सिंह पंचायत समिति सदस्य शिव कुमार वर्मा टिहरा पंचायत प्रधान अंजू रांगड़ा प्रसिद्ध लेखक और शिक्षक राजेश वर्मा सहित कई लोगों ने उनके जज्बे को सलाम किया है और अन्य सेवानिवृत अध्यापकों को भी इनसे सीख लेने का आग्रह किया है।