हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण तबाही मची हुई हैं. वही, शिमला के विभिन्न हिस्सों में हुए बड़े पैमाने पर भूस्खलन के बाद जिला प्रशासन के अधिकारियों ने प्रभावित क्षेत्रों के निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करना शुरू कर दिया है। अधिकारियों के अनुसार, पिछले तीन दिनों में भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों से 250 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। इन क्षेत्रों की सूची में कृष्णा नगर, डाउनडेल और फागली शामिल हैं। हालांकि, हिमाचल में आई बाढ़ के चलते काफी लोगों की जान भी जा चुकी हैं| (Himachal News)
स्थानीय लोगों को खाली करने पड़ रहे घर
स्थानीय लोगों ने कहा कि वे सुरक्षा के लिए अपने घरों को खाली कर रहे हैं। समरहिल क्षेत्र के निवासियों में से एक रेखा देवी ने कहा, “यहां रहने वाले लगभग पांच से छह परिवार पहले ही अपने घर खाली कर चुके हैं क्योंकि वे खतरनाक हो गए हैं। हम भी बाहर जा रहे हैं क्योंकि हमारी इमारत खतरनाक हो गई है।” जिस कारण लगभग सभी लोग वह स्थान खाली करके जा रहे हैं|
बचाव अभियान जारी
उन्होंने कहा कि यह पहली बार हो रहा है। मैंने अपने जीवन में ऐसी स्थिति कभी नहीं देखी। एनडीआरएफ (NDRF) की कई टीमें जिले भर में भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में खोज और बचाव अभियान चला रही हैं। एनडीआरएफ इंस्पेक्टर नफीस खान ने कहा कि कल 16 लोगों के शव बरामद किए गए और चार लापता शवों को बरामद करने के लिए आगे का बचाव अभियान जारी है। (Himachal News)
कल 16 शव निकाले गए
आज खोज और बचाव अभियान का छठा दिन है। हमने कल 16 शव निकाले। चार अन्य शवों के लिए हमारा खोज अभियान अभी भी जारी है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सेना की टीमें मौके पर मौजूद हैं। हम सब कुछ कर रहे हैं। ताकि जल्द से जल्द चार लापता लोगों के शव बरामद हो जाए|
भूस्खलन की घटनाओं के बाद कई घर ढहे
इससे पहले 14 अगस्त को शिमला में भूस्खलन की घटनाओं के बाद कई घर ढह गए थे। अधिकारियों के अनुसार, कृष्णा नगर इलाके में एक पहाड़ी ढह गई, जिसके बाद करीब पांच से सात घर ढह गए। शिमला के समर हिल क्षेत्र में हुए भारी भूस्खलन और उसके बाद हुई दुर्घटना में एक मंदिर बह गया, जिससे स्थानीय लोगों और आगंतुकों को चिंता हुई कि इस आपदा ने भारतीय उन्नत अध्ययन संस्थान (आईआईएएस) की प्रतिष्ठित इमारत को खतरा पैदा कर दिया है। (Himachal News)
भूस्खलन परिसर के पिछले हिस्से में हुआ
प्रतिष्ठित इमारत के पिछले हिस्से की दीवार गिरने के बाद भूस्खलन और फ्लैश फूड मंदिर पर गिर गया। एसडीएम शिमला (शहरी) भानु गुप्ता ने कहा कि भूस्खलन से मंदिर पूरी तरह से नष्ट हो गया और बचाव अभियान जारी है। भूस्खलन परिसर के पिछले हिस्से में हुआ। भूस्खलन भारतीय उन्नत अध्ययन संस्थान की इमारत के पीछे की तरफ हुआ। हमने अनुरोध किया है कि वन विभाग आकर दौरा करे और हमें एक रिपोर्ट दे ताकि हम एक आदेश पारित कर सकें। हालांकि, अब तक मलबे में दबे 16 लोगों के शव को बरामद कर लिया गया हैं वही 4 लोग अभी भी लापता हैं और उनकी तालाश के लिए बचाव अभियानअभी भी जारी हैं|