Breaking News

थाने के सामने 10 महीने में अब तक 4 प्रदशनकारियों की हो चुकी है मौत

चंडीगढ़, 22 फरवरी शहर जगराओं थाना के सामने करीब 10 माह से धरने पर बैठे पीड़ित परिवारों व प्रदर्शनकारी किसान-मजदूर नेताओं ने आज प्रेस कांफ्रेंस कर सरपंच की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है। पत्रकारों से बातचीत करते हुए कीर्ति किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष तरलोचन सिंह झोराण, ग्रामीण मजदूर यूनियन के जिलाध्यक्ष सुखदेव सिंह मनुंके, दशमेश किसान मजदूर यूनियन के सचिव जसदेव सिंह लालटन, भारतीय किसान यूनियन एकता डकोंडा प्रखंड कमेटी सदस्य जग्गा सिंह ढिल्लों व रामतीर्थ सिंह लीला, कुल्ल हिंद किसान सभा के नेता निर्मल सिंह धालीवाल, एटीके नेता जगदीश सिंह कौंके ने कहा कि लुधियाना जिले के रसूलपुर (मल्ला) गांव की मां और बेटी को थानाध्यक्ष कहे जाने वाले गुरिंदर बाल और चौकी प्रमुख राजवीर जबरन घर से उठा ले गए. 14 जुलाई 2005 की रात एक गरीब परिवार की जवान बेटी कुलवंत कौर को थाने में अवैध हिरासत में रखकर थर्ड डिग्री अत्याचार किया गया. इस अत्याचार पर पर्दा डालने के लिए पीड़िता के भाई इकबाल सिंह रसूलपुर व बड़ी ननद मनप्रीत कौर धालीवाल को झूठी कहानी बनाकर झूठे गवाह बनाकर जेल में डाल दिया गया.
उन्होंने कहा कि पीड़िता कुलवंत कौर की पिछले साल 10 दिसंबर को करीब 13 साल तक शारीरिक रूप से अक्षम रहने के बाद मौत हो गई थी और दूसरे दिन स्थानीय पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 304, 342, 34 और एस.सी.एस्टी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था. -1989. लेकिन आज तक गिरफ्तार नहीं किया गया, जबकि आम लोगों को पुलिस तुरंत गिरफ्तार कर जेल भेज देती है. उन्होंने यह भी कहा कि तत्कालीन जिला पुलिस प्रमुख केतन पाटिल बाली राम ने 29 जनवरी 2022 को डीजीपी पंजाब को लिखे पत्र में डीएसपी बल के खिलाफ दर्ज मामले को एक तरफ जघन्य और संवेदनशील बताया है, वहीं दूसरी तरफ डीजीपी पंजाब को जघन्य और संवेदनशील करार दिया है. अनुसूचित जाति की मां-बेटी और कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अत्याचार के मुख्य अपराधी डीएसपी बाल को बचाने की कोशिश में लगे हैं. उन्होंने हलके के विधायक और पंजाब सरकार पर आरोपियों को बचाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जगरांव विधानसभा क्षेत्र की विधायक बीबी सरबजीत कौर मनुंके, जो 2018 से आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए पत्र लिख रही हैं और न केवल धरने और विरोध प्रदर्शनों में भाग लेती थीं, बल्कि चन्नी के दौरान विधानसभा में आरोपियों के खिलाफ बोल रही थीं. सरकार, लेकिन आम आदमी की सरकार अस्तित्व में आने के बाद अचानक ‘गूंगी’ हो गई है, इसके पीछे गहरा राज है। इस समय पीड़िता के भाई व वादी इकबाल सिंह रसूलपुर व इंजी. दर्शन सिंह धालीवाल ने कहा कि पुलिस के इस जघन्य अपराध के खिलाफ उनके परिवार ने पिछले 17 साल में 36 हजार से ज्यादा पत्र लिखे हैं. वादी के मामले के अनुसार, जबकि राज्य और केंद्र सरकार के लगभग 9 वैधानिक आयोगों ने आरोपी के खिलाफ कार्रवाई के लिए लिखा है, गृह मामलों और न्याय विभाग, डीजीपी/खुफिया, डीजीपी/आईवीसी, डीजीपी/एचआर ने अपराध के बिना कार्रवाई की सिफारिश की है पुलिस की शाखा लेकिन पीड़ित परिवार के अनुसूचित जाति होने के कारण कोई सुनवाई नहीं हो रही है. वादी रसूलपुर के अनुसार उनकी 75 वर्षीय पीड़िता मां ने 6 माह पूर्व मुख्यमंत्री भगवंत मान को न्याय दिलाने के लिए अपने खून से पत्र लिखकर विधायक बीबी को सौंपा था, जो आज तक मुख्यमंत्री के पास नहीं पहुंचा. किसान-मजदूर नेताओं ने कहा कि राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने पंजाब सरकार के ढीले और पक्षपातपूर्ण प्रदर्शन के खिलाफ दर्ज शिकायत पर डीजीपी पंजाब, आईजी लुधियाना और कमिश्नर पटियाला को 27 फरवरी को दिल्ली तलब किया है. नेताओं ने यह भी कहा कि घटना के चश्मदीदों और पुख्ता सबूतों के बावजूद जांच अधिकारी बलवीर सिंह भट्टी ने न सिर्फ गवाहों को पैसे बांटे बल्कि अपनी मर्जी से गुपचुप तरीके से बयान भी लिखे और मामले को खारिज करने की साजिश रची. उन्होंने यह भी कहा कि आरोपी डीएसपी और तत्कालीन एसएसपी राजीव अहीर के दबाव में जानबूझकर 60 दिन में होने वाली जांच को एक साल के लिए टाला गया है.

About ANV News

Check Also

एस.ए एस मोहाली में पेड़ लगाओ और जीवन बचाओ की मुहिम जारी है

लायंस क्लब मोहाली, एस.ए एस। अध्यक्ष लायन अमनदीप सिंह गुलाटी के नेतृत्व में अंतर्राष्ट्रीय वन …

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Share