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स्वामी दयानंद की शिक्षाओं से ही होगा सशक्त समाज 

कैथल

 महर्षि दयानंद सरस्वती के 200वीं जन्म जयंती के विश्वव्यापी कार्यक्रमों की श्रंखला में प्रदेश भर में अनेकों कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। जिनमें मुख्य रुप से प्राकृतिक खेती और नशा मुक्ति अभियान के माध्यम से प्रदेश भर में लोगों को हरियाणा आर्य प्रतिनिधि सभा की ओर से जागरूक किया जाएगा। उक्त अभिव्यक्ति हरियाणा आर्य प्रतिनिधि सभा प्रधान राधाकृष्ण आर्य ने पत्रकारिता के दौरान दी। उन्होंने कहा कि नशा मुक्ति अभियान प्राकृतिक खेती अभियान वर्तमान समय की सबसे बड़ी जरूरत है। उन्होंने कहा कि आगामी 23 मार्च को आर्य समाज के आधार स्तंभ रहे स्वामी ओमानंद सरस्वती की स्मृति में दादरी में स्मृति दिवस और प्राकृतिक खेती जागरूकता के रूप में मनाया जाएगा।

 उन्होंने कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि कार्यक्रम में हजारों की संख्या में हर वर्ग के लोग पहुंचेंगे। समारोह में मुख्य अतिथि के रुप में गुजरात राज्यपाल आचार्य देवव्रत शिरकत करेंगे और इस दौरान हरियाणा सरकार के भी मंत्री गण और गणमान्य उपस्थित रहेंगे। राधाकृष्ण आर्य ने बताया कि हरियाणा आर्य प्रतिनिधि सभा प्रदेश भर में भजन मंडलियों के माध्यम से लगातार लोगों को जागरुक करने का कार्य कर रही है और लोगों को लगातार महर्षि दयानंद सरस्वती द्वारा प्रतिपादित सिद्धांतों, शिक्षाओं और कार्यों से अवगत करवा उन्हें जीवन में आत्मसात करवाने हेतु प्रचार प्रसार कर रही है। उन्होंने कहा कि उनकी शिक्षाओं के माध्यम से ही सशक्त समाज और अखंड भारत का निर्माण संभव है। प्राचीन संस्कृति ही हमारे देश की आधारशिला रखी है और आर्यवर्त के रूप में हमारे देश का डंका प्राचीन समय में विश्व गुरु के रूप में बजा। हमें फिर से अपनी प्राचीन संस्कृति और संस्कारों की ओर लौटने की आवश्यकता है।

 जिसमें गुरुकुल शिक्षा और गौ रक्षा एवं गौसंवर्धन मुख्य रूप से शामिल हैं। वेदों का पठन-पाठन और अनुशासन जीवन में बेहद जरूरी है। जो कि वैदिक शिक्षा के माध्यम से ही हो सकता है। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि अधिक से अधिक संख्या में आर्य समाज से जुड़े और अधिक से अधिक लोगों को महर्षि दयानंद सरस्वती द्वारा दिखाए गए मार्ग को जीवन में आत्मसात करने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि हरियाणा आर्य प्रतिनिधि सभा भी लगातार जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से कई कार्यक्रमों की रूपरेखा पर विचार कर रही है और भविष्य में प्रदेश भर में अनेकों कार्यक्रमों के माध्यम से हर वर्ग के साथ जोड़कर महर्षि दयानंद सरस्वती की शिक्षाओं का प्रचार प्रसार किया जाएगा और लोगों को फिर से प्राचीन संस्कृति और संस्कारों को अपने जीवन में आत्मसात करने के लिए प्रेरित किया जाएगा, तभी निश्चित रूप से सशक्त समाज और अखंड भारत का निर्माण संभव है।

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