कैथल। ऐतिहासिक गुरुद्वारा मंजी साहिब के नवनिर्मित नये भवन में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का जल्द प्रकाश किया जाएगा। श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के प्रकाश के दौरान श्री दरबार साहिब अमृतसर रागी शब्द कीर्तन कर संगत को निहाल करेंगे। धार्मिक आयोजन को सफल बनाने के लिए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी व हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पदाधिकारी व सदस्य प्रोग्राम में शिरकत करेंगे। पांच करोड़ की लागत से तैयार भवन को सजाने संवारने का कार्य अंतिम चरण में है। गुरु जी के प्रकाश अवसर के दर्शन करने के लिए हजारों की संख्या में संगत हिस्सा लेगी। यही नहीं खास बात यह है कि गुरुद्वारा बिल्डिंग निर्माण में करोड़ों रुपए का पैसा गोलक से ना करके सेवादल के सदस्यों और संगत ने खुद खर्च किया है।
इंटरनेशनल माडर्न तकनीक से निर्मित भवन को यादगार बनाने के लिए 400 वर्ष पुरानी लखौरी ईंटों से गुरु जी के सुहासन स्थल को सजाया गया है। श्री गुरु तेग बहादुर सेवादल के सदस्यों की मेहनत की बदौलत ही दो वर्षों में ही भवन निर्माण का कार्य पूरा कर लिया गया है। श्री गुरु तेग बहादुर सेवादल के डायरेक्टर मनिंदर सिंह एडवोकेट ने रविवार को गुरुद्वारा में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर यह जानकारी दी। इस मौके पर हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्य अंग्रेज सिंह गोराया, सदस्य गुरदीप सिंह मलिक, गुरचरण सिंह टीवीएस, सेवा दल के प्रधान शीशण सिंह शाह, सतिंदर सिंह भाटिया समेत सदस्य मौजूद थे।
बीबी जागीर कौर करेंगी शिरकत
डायरेक्टर मनिंदर सिंह एडवोकेट ने बताया कि एसजीपीसी की पूर्व प्रधान बीबी जगीर कौर, एसजीपीसी सदस्य व एचएसजीपीसी सदस्य भी प्रोग्राम में शिरकत करेंगे। 16 सितंबर को अखंड पाठ साहिब का भोग पाया जाएगा। सेवादल की ओर से आयोजित महान कीर्तन दरबार समागम में श्री दरबार साहिब अमृतसर के हजूरी रागी शब्द कीर्तन करेंगे। श्री गुरु तेग बहादुर सेवादल ऐसी पहली संस्था है जिसे एसजीपीसी अमूतसर ने अपने खर्चे पर गुरुद्वारा भवन निर्माण की सेवा सौंपी थी। सेवादल ने इसके लिए न किसी की पर्ची काटी न चंदा लिया। सेवा दल के सदस्यों, एनआरआई और संगत के सहयोग से करोड़ों रुपए खर्च किए गए हैं।
महाकवि भाई संतोख सिंह की याद में बनाया लंगर हाल
कैथल के राजा भाई उदय सिंह के दरबारी कवि भाई संतोख सिंह के नाम से लंगर हाल का नामकरण किया गया है। मनिंदर सिंह एडवोकेट ने बताया कि माडर्न तकनीक से तैयार लंगर हाल में एक साथ 1500 श्रद्धालु लंगर छक सकेंगे।संगत की सुविधा के लिए लिपट भी लगाई गई है। साथ ही संगत एक समय में तीन अखंड पाठ साहिब एक साथ करवा सकती है इसके लिए अलग से हाल बनाया गया है।