(संजीव महाजन)- समाचार पत्रों के माध्यम से पढ़ने को मिलता है कि हिमाचल प्रदेश में श्रीलंका वाले हालात हो जाएंगे, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि चार साल लगेंगे प्रदेश की आर्थिक स्थिति सृदृढ़ करने में जो पूर्णतया निरर्थक बातें है।
डॉ संजीव गुलेरीया प्रदेश अध्यक्ष नयु पेंशन स्कीम रिटायर्ड कर्मचारी अधिकारी महासंघ हिमाचल प्रदेश ने उन्होंने कहा कि एनपीएस 15 मई 2003 में लागू होने के पश्चात् आज दिन तक जो हजारों कर्मचारी अधिकारी एनपीएस के अन्तर्गत बिना पुरानी पेंशन के रिटायर हुए हैं और जो हो रहे हैं, उन की परेशानी भी सेवारत कर्मचारी अधिकारी और एनपीएसइए महासंघ भी भलीभांति परिचित है।
हमें पूर्ण विश्वास है मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के अथक प्रयास से कर्मचारी अधिकारी वर्ग को एनपीएस के अभिशाप से जल्द मुक्ति मिलेगी, पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल होकर रहेगी, क्योंकि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू स्वयं सरकारी कर्मचारी के बेटे हैं और वो रिटायर्ड कर्मचारी वर्ग की बिना पुरानी पेंशन बुढ़ापा कैसे कटेगा इन परिस्थितियों से गुजरे हैं। 25 फीसदी आनलाइन विदड्रॉल सुविधा केंद्र सरकार के इशारे पर ही बंद करी है और जमा पूंजी कर्मचारियों अधिकारियों की राज्यों को वापस न करने का फरमान भी केंद्र सरकार के इशारे पर ही हुआ है और तीसरा केन्द्र सरकार ने राज्यों को वित्तीय सहायता बंद करने का फरमान जो सुनाया है। उससे केन्द्र में मोदी सरकार की साख को बट्टा लगा है।
डाक्टर संजीव गुलेरीया ने कहा कि माल्या, चोकसी, नीरव मोदी जैसे धन्ना सेठ हजारों करोड़ों रुपए लेकर विदेश भाग जाते हैं, अडानी के कारण जनता के रातों रात लाखों करोड़ रुपए डूब जाते हैं तो देश दिवालिया नहीं होता। नोटबंदी लाकडाऊन सरकारी संपत्ति बेच कर सुरसा की तरह बढ़ती मंहगाई, बेरोज़गारी से देश दिवालिया नहीं होता, लेकिन मोदी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन देने से देश दिवालिया हो जाएगा, ऐसे घटिया मानसिकता आप के दिवालिया पन को दर्शाता है। जो 2024 लोकसभा चुनाव में मोदी के पतन का कारण बनेगा।