Breaking News
Shri Krishna Janmashtami

राज्य स्तरीय श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव नूरपुर मे बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जा रहा

सीमांत राज्य पंजाब के साथ पठानकोट-मंडी राष्ट्रीय राज मार्ग के प्रवेश द्वार से सटा नूरपुर शहर प्राचीन काल में धमड़ी नाम से जाना जाता था। बेगम नूरजहाँ के यहां आने के बाद शहर का नाम नूरपुर पड़ा। यहां पर राजा जगत सिंह का किला विद्यमान है। इस किले के अंदर श्री बृज राज स्वामी तथा काली माता मंदिर है। (Shri Krishna Janmashtami)

जानकार बताते हैं कि नूरपुर स्थित श्री बृजराज स्वामी मंदिर संसार में एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां कृष्ण व मीरा की मूर्तियां एक साथ विराजमान है। रजवाड़ाशाही में दरबार-ए-खास (जहां राजा का दरवार सजता था) और विश्व के हजारों राधा-कृष्ण के मंदिरों में से यही एकमात्र ऐसा मंदिर है, जंहा भगवान श्रीकृष्ण व मीरा की साक्षात मूर्तियां एक साथ स्थापित हैं।

सौंदर्य से परिपूर्ण एक टीलेनुमा जगह पर स्थित यह नगर कभी राजपूत राजाओं की राजधानी हुआ करती थी। इस मंदिर के इतिहास के साथ एक रोचक कथा है कि (1619 से 1623 ई.) नूरपुर के राजा जगत सिंह अपने राज पुरोहित के साथ चित्तौड़गढ़ के राजा के निमंत्रण पर वहां गए। राजा जगत सिंह व उनके राज पुरोहित को रात्रि विश्राम के लिए महल में स्थान दिया गया, उसके साथ में एक मंदिर था, जहां रात के समय राजा को उस मंदिर से घुंघरूओं तथा संगीत की आवाजें सुनाई दी। राजा ने जब मंदिर में झांक कर देखा तो उस कमरे में श्रीकृष्ण जी की मूर्ति के सामने एक उनकी एक अनन्य भक्त भजन गाते हुए नाच रही थी। (Shri Krishna Janmashtami)

राजा ने सारी बात अपने राज पुरोहित को सुनाई। राज पुरोहित ने राजा जगत सिंह को घर वापिसी पर राजा (चितौडगढ़) से इन मूर्तियों को उपहार स्वरूप मांग लेने का सुझाव दिया, क्योंकि भगवान श्री कृष्ण व मीरा की यह मूर्तियां साक्षात हैं। चितौड़गढ़ के राजा ने भी खुशी-खुशी मूर्तियां व मौलश्री का एक पेड़ राजा जगत सिंह को उपहार स्वरूप दे दिया। तदोपरांत नूरपुर के राजा ने अपने दरबार-ए-खास को मंदिर का स्वरूप देकर इन मूर्तियों को वहां पर स्थापित करवा दिया। राजस्थानी शैली की काले संगमरमर से बनी भगवान श्रीकृष्ण व अष्टधातु से बनी मीरा की मूर्ति आज भी नूरपुर किले के अंदर ऐतिहासिक श्री बृज राज स्वामी मंदिर में शोभायमान है। इसके अतिरिक्त मंदिर की भित्तिकाओं पर राजा द्वारा करवाये गए कृष्ण लीलाओं के चित्रण आज भी दर्शनीय है।

यहां पर प्रदेश के श्रद्धालुओं के अलावा सीमांत राज्य पंजाब, हरियाणा व जम्मू-कश्मीर तथा अन्य राज्यों से भी हजारों की संख्या में लोग सारा साल मंदिर में शीश झुकाते हैं। प्रेम व आस्था के संगम के प्रतीक इस मंदिर का नूर जन्माष्टमी को छलक उठता है जब यहां पर दिन-रात श्रद्धालुओं की भारी भीड़ श्री कृष्ण भगवान तथा मीरा जी के दर्शन करने के लिए उमड़ती है। प्रशासन द्वारा इस वर्ष 6 और 7 सितंबर को राज्य स्तरीय श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव का आयोजन करवाया जा रहा है। जिसका शुभारंभ 6 सितंबर को भव्य शोभायात्रा से हुआ। (Shri Krishna Janmashtami)

About ANV News

Check Also

Chamba News

विधायक नीरज नैय्यर की माता की रस्म क्रिया में मुख्यमंत्री हुए शामिल

चंबा। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू रविवार को चंबा के विधायक नीरज …

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Share