हांसी की विश्राम गृह में इस प्रकरण में पत्रकारों से बातचीत करते हुए मनोज राठी ने कहा कि किसी कानून में नहीं लिखा कि किसी भी व्यक्ति को सीआईए बिना कारण उठाकर ले जाए और मारपीट करे। हांसी सीआईए ने मजदूरी करने वाले बबूल को हांसी बस अड्डे से उठाकर पीटा और जैन समाज से जुड़ी कीमती मूर्ति अपने पास रख ली। इस पूरे मामले में खुद हांसी की एसपी शामिल हैं और इनको बचाने में भारतीय जनता पार्टी का एक नेता लगा हुआ है उन्होंने कहा कि ज्वैलर्स केवल यह बता सकता है कि मूर्ति सोने या चांदी की है या नहीं, वह यह नहीं बता सकता कि मूर्ति असली है या नकली
मनोज राठी ने हांसी की एसपी व पुलिस से सवाल किए कि अगर मूर्ति कीमती नहीं है तो सीआईए ने अब तक मूर्ति को दबाए क्यों रखा, अगर मूर्ति लाने वाले अपराधी थे तो उन्हें पीटकर और यह कहकर क्यों भगाया कि फिर कभी हरियाणा में मत आना, हिसार में आईजी रहे राकेश कुमार आर्य को कई दिन पहले इस बारे शिकायत दे दी गई थी लेकिन एसपी हांसी ने फिर भी इस बारे कोई कार्रवाई नहीं की, ज्वैलर्स व उसके साथियों ने कई दिनों तक हिसार में मजदूर बबलू व उसके साथियों को रोककर रखा, फिर उस ज्वैलर्स ने हांसी की एसपी से सांठगांठ की। सारी बातें हांसी की एसपी की जानकारी में रही है। एसपी जिले का पुलिस कप्तान होता है और सीआईए एसपी से बिना पूछे कोई काम नहीं करती, यही नहीं, एसपी हांसी ने मूर्ति की जांच के लिए पुरातत्व विभाग से संपर्क या पत्र व्यवहार क्यों नहीं किया। अंत में, जब पुलिस की नजर में मूर्ति नकली ही है तो उस मूर्ति को सीआईए वाले रखकर क्यों बैठे हैं, वह उस मजदूर को वापिस दे देते, कोई विवाद ही नहीं था।
मनोज राठी ने कहा कि मूर्ति की फोटो देखने से पता चलता है कि यह जैन समाज से जुड़ी हुई है और किसी समाज की मूर्ति इस तरह अपराध शाखा में पड़ा होना, उस समाज की भावनाओं के खिलाफ है। ऐसे में जो पुलिस अधिकारी जैन समाज की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए जिम्मेवार है, उस पर केस दर्ज होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हांसी सीआईए में वर्षों से कई पुलिस अधिकारी जमे पड़े हैं और उनका तबादला नहीं हो रहा, जो सवालिया निशान है। उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा इस तरह के काम करने पर पुलिस की कार्यशाली पर सवाल उठते हैं और जनता का विश्वास भी खतम हो जाता है, हमें शक है कि पुलिस ने मूर्ति खुर्द बुर्द कर दी है, अन्यथा पुलिस उस मूर्ति को मीडिया के माध्यम से जनता के सामने लाएं, आज पुलिस अधिकारी मूर्ति कांड को ठग गिरोह बता रही है लेकिन अगर ये ठग गिरोह था तो जब ये पकड़े गए तब मीडिया में क्यों खुलासा नहीं किया गया