सरकाघाट : वर्षा से हुई तबाही के कारण संधोल तहसील की कुन पँचायत में अभी तक भी कोई प्रशासनिक अधिकारी और जनप्रतिनिधि नहीं पहुंच पाया है जिससे स्थानीय जनता में भारी नाराजगी है। पूर्व ज़िला पार्षद भूपेंद्र सिंह ने बताया कि उन्होंने पिछले कल कूंन पंचायत का दौरा किया तो स्थानीय लोगों ने यहां पर किसी भी प्रशानिक अधिकारी के न आने पर नाराज़गी व्यक्त की।
उन्होंने बताया कि कून वार्ड-1 की हरिजन बस्ती निवासी प्रकाश चन्द, जुल्फी राम, मंजू कुमार, तौरसु राम,शोमा देवी और प्यार चन्द के घर बक्कर खड्ड के नज़दीक हैं उनके आसपास गिरे लहासों से उनके रास्ते पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं और रास्ते भी टूट गए हैं और उन्हें आने जाने में भारी समस्या आ रही है साथ ही घरों को ख़तरा पैदा हो गया है। लेकिन बहुत खेद की बात है यह है कि इन परिवारों का हाल जानने के लिए सधोल से प्रशासनिक अधिकारी यहां तक नहीं पहुंचे।इन परिवारों को अपने आप अस्थाई कच्चा और बांस रास्ता बना कर अपने घर तक आना जाना पड़ रहा है।
दूसरी तरफ कुन-3 वार्ड निवासी मुंशी राम, प्रहलाद सिंह, रविकुमार, संजय कुमार के घर ल्हासे के कारण गिर गए हैं लेकिन मलवा उठाने के लिए भी कोई मदद नहीं मिली है और बीस दिन बाद उन्हें स्वयं ही पूरे परिवार सहित मलबा हटाने का काम करना पड़ा है।इसके अलावा राकेश कुमार, भीम सिंह, प्रीतम चन्द, मल राम, शंभु राम इत्यादि व रसाडी व दयोल गांव के करीब आधा दर्जन घरों व गौशाला के पास भी ल्हासे पड़े हैं जिनकी सुरक्षा और रोकथाम के लिए कोई योजना नहीं बनी है और प्रभावित परिवारों में स्थानीय प्रशासन औऱ जनप्रतिनिधियों के प्रति भारी नाराज़गी है।
भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि संधोल तहसील मुख्यालय मात्र आठ किलोमीटर दूर होने के बाबजुद यहां किसी अधिकारी का न पहुँचना बहुत ही लापरवाही का काम है। भूपेंद्र सिंह ने मांग की है कि जिन परिवारों के मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं और जिनके घर गिर गए हैं उन परिवारों को मकान बनाने के लिए दूसरी जगह ज़मीन उपलब्ध करवाई जाये क्योंकि वर्तमान स्थान उनके रहने के लिए पूरी तरह असुरक्षित हो गया है।