सरकाघाट। उपमंडल सरकाघाट के मुख्यालय पर स्थित संयुक्त कार्यालय भवन के साथ लगता पुरातन शैली से निर्मित भवन अपनी बदहाली के आंसू रो रहा है और राजस्व विभाग की उपेक्षा के चलते गिरने के कगार पर है। मंडी की रियासत के समय निर्मित इस भवन को तत्कालीन विभागों के अधिकारियों को आवासीय सुविधा देने के लिए निर्मित किया गया था और इस भवन में बारीकी से तराशे गए पत्थरों का परकोटा बनाया गया था ताकि इस में रहने वाले अधिकारियों की निजता बनी रहे। इस भवन में तहसीलदार, कोतवाल, स्थानीय पाठशाला के प्रिंसिपल, शिक्षा विभाग के अधिकारी और अस्पताल के प्रभारी चिकित्सक के लिए आवासीय सुविधा उपलब्ध थी।
भवन के प्रत्येक आवास में एक आंगन,तीन कमरे और रसोईघर की सुविधा उपलब्ध थी। साठ के दशक तक इस भवन का सभी संबंधित विभागों के अधिकारी इस का उपयोग करते रहे लेकिन जब इस भवन की देखरेख और मुरम्मत किसी ने भी नहीं कराई तो भवन अपनी शानोशौकत धीरे धीरे खोने लगा तथा अधिकारी भी यहां से अन्य स्थानों में आवास लेकर जाते गए।और भवन वीरान हो गया।इस भवन में बारीकी से तराशे हुए हजारों पत्थरों का वर्तमान में मूल्य ही लाखों रुपए में है।भवन की छत पर में लगे हुए उच्च कोटि के स्लेट जगह जगह से टूट गए हैं और दीवारों पर घास और पीपल के पेड़ उग गए हैं
कई बार हुई घोषणा
शिव मंदिर के साथ इस ऐतिहासिक भवन को गिरकर इसकी जगह पर मल्टी स्टोरी बिल्डिंग बनाने और धरातल पर पार्किंग बनाए जाने को लेकर कई बार घोषणाएं हो चुकी है तत्कालीन पीडब्ल्यूडी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर पूर्व मंत्री रंगीला राम इसे लेकर कई बार घोषणा कर चुके है परंतु आज इसकी जगह भव्य बिल्डिंग बनाने को लेकर कोई भी प्रयास नहीं किए जा सके है।
आवासीय सुविधा की समस्या हो सकती है दूर
अब जब कई विभागों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए जगह नहीं है तथा कई कार्यालय लाखों रुपए खर्च कर निजी भवनों में कार्य कर रहे हैं तो इस भवन को गिरा कर न्यायालय परिसर और अन्य कार्यों के लिए उपयोग में लाया जा सकता है।
स्थानीय निवासियों रवि वर्मा विनोद वर्मा राकेश ठाकुर अतुल शर्मा कमलेश गुलेरिया शिव कुमार सकलानी कश्मीर सिंह,रामलाल, नानक चंद,धनदेव,रमेश कुमार,रोशन लाल,धनीराम,ज्ञानचंद,नेत्रसिंह सहित अन्य लोगों ने इस भवन को गिरा कर या तो न्यायालय परिसर या फिर भव्य शॉपिंग कांप्लेक्स और पार्किंग बनाए जाने की मांग की है ताकि शहर वासियों को इसका फायदा मिल सके।
सरकार को भेजा है प्रस्ताव एसडीएम
एसडीएम स्वाति डोगरा ने बताया कि भवन के एक हिस्से में तहसीलदार रह रहे हैं इस हेरिटेज भवन की जगह पर कोर्ट परिसर या मल्टी स्टोरी पार्किंग व भव्य परिसर बनाए जाने को लेकर डीसी मंडी और सरकार को प्रस्ताव भेजा जा चुका है।