सरकार ने पंचायतों के विकास कार्यों के लिए ई-टेंडरिंग नियम लागू किया है, जिसके अंतर्गत यह तय किया गया है कि किसी भी गांव में अगर किसी विकास कार्य की लागत दो लाख से अधिक है तो उसके लिए ई-टेंडर जारी किए जाएंगे। उसी के आधार पर काम किया जाएगा। सरपंचों का दावा है कि इस नियम से ग्रामीण क्षेत्रों के कामों की रफ्तार धीमी पड़ जाएगी। सरपंच ठीक ढंग से काम भी नही करवा पाएंगे। क्योकि बहुत से गांव ऐसे है जिनमे सफाई में ही 2लाख से ज्यादा खर्च आता है। ओर ये काम टेंडर के हिसाब से नही हो सकते।
सरपंचों ने कहा जब तक सरकार उनकी बातें नहीं मानती है तो सभी सरपंचों का धरना प्रदर्शन किसान आंदोलन की तरह अनिश्चितकालीन तक जारी रहेगा।
इतना ही नही अगर सरकार फिर भी उनकी मांगों को नही मानती तो प्रदेश के सभी सरपंच मिलकर विधानसभा का भी घेराव करेगे।