डीसी जगदीश शर्मा ने कहा कि सामुदायिक संबंधों और आमजन को घर द्वार पर सेवाओं का लाभ देना ही हरियाणा उदय आउट रीच कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है। ग्रामीण आंचल में जन संवाद कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को जहां विभिन्न योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है, वहीं मौके पर ही ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान किया जा रहा है।
डीसी जगदीश शर्मा हरियाणा उदय आउट रीच कार्यक्रम के तहत गुहला खंड के गांव रत्ताखेड़ा कड़ाम के सरकारी स्कूल में ग्रामीणों से सीधा संवाद करने के दौरान बोल रहे थे। इससे पहले डीसी जगदीश शर्मा, एसपी अभिषेक जोरवाल, एडीसी सुशील कुमार, एसडीएम ज्योति मित्तल ने पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुए स्कूल परिसर में पौधा रोपण किया और ग्रामीणों को पौधे भी वितरित किए। उन्होंने मौके पर ग्रामीणों की समस्याओं को सुनकर संबंधित अधिकारियों को समस्या दूर करने के निर्देश दिए। ग्राम पंचायत द्वारा रखी गई विभिन्न मांगों को भी उन्होंने तय मापदंडों अनुसार पूरा करने का आश्वासन दिया।
उन्होंने कहा कि हम सबको मिलकर सुरक्षित, सामंजस्यपूर्ण समाज बनाने की दिशा में मिलकर काम करने और जनता के साथ संवाद स्थापित करने की आवश्यकता है। लोगों को ऑनलाइन माध्यम से योजनाओं का लाभ प्रदान किया जा रहा है। नागरिक घर बैठे आवेदन कर सकते हैं। सरकार की सभी योजनाएं परिवार पहचान -पत्र के साथ जोड़ी जा चुकी हैं, ऐसे में सभी नागरिक अपना परिवार पहचान-पत्र बनवाएं ताकि किसी भी योजना के लाभ से वंचित न रहें। उन्होंने ग्रामीणों को सरकार द्वारा क्रियान्वित की जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी।
डीसी ने समस्याएं सुनते हुए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि गांव में जल निकासी की समस्या का स्थाई समाधान होना चाहिए। जितने भी बिजली खंभे लोहे के हैं, उन्हें तुरंत हटाया जाए। इसके साथ-साथ बिजली की हाई वॉलटेज तारों को भी दुरूस्त किया जाए। उन तारों पर पाईप की व्यवस्था हो और साथ ही अर्थ की भी व्यवस्था हो, ताकि संभावित दुर्घटना से बचा जा सके। पैंशन संबंधित जितनी भी शिकायतें आई थी, उनको दूर करने के लिए जिला समाज कल्याण अधिकारी को निर्देश दिए गए। उन्होंने जन संवाद कार्यक्रम में एक-एक करके फरियादियों की फरियाद सुनी और उसे दूर करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि समस्याओं को दूर करने के बाद उसकी रिपोर्ट उपायुक्त कार्यालय में जमा करवाना सुनिश्चित करें। इस कार्य में किसी भी प्रकार की कोताही नहीं होनी चाहिए।
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