(संजीव महाजन)- नूरपूर ब्लाक के सुलयाली गांव में लोगों ने इन्सानियत का फर्ज निभाने में की पहल उन्होंने यहां तालाब मे अचानक मर गई गाय का दफना कर उसका अंतिम संस्कार किया । यह गाय एक दो दिनों से यहां मर कर गिरी हुई थी हालांकि इस तालाब में पड़ी गाय को आते जाते लोग देख भी रहे पर किसी ने भी इस गाय को दफनाने की हिम्मत नहीं की इस गाय को आवारा कुत्तों ने नोचना शुरू कर दिया तभी गांव के एक व्यक्ति ने अपने साथियों के साथ मिलकर इसे दफना कर इसका अंतिम संस्कार करके इन्सानियत का फर्ज अदा किया । इस गांव में आवारा पशुओं अलग-अलग जगहों पर झुंडो में दिखाई देते हैं और रात को किसानों की फसलों को नुक्सान भी पहुचाते रहते ।इन आवारा पशुओं की तब दुर्दशा खबर होती है जब यह मर जाते हैं।
गांव वासी विजय डोगरा ने कहा कि हमारे गांव में बहुत ज्यादा आवारा पशु रहते है यह जो गाय थोड़ी बूढ़ी थी यह दो दिन से यहां बैठी हुई थी तीसरे दिन यह इसकी मौत हो गई मैं और मेरे कुछ साथियों ने मिलकर इसे दफनाया है मेरी अपील है उन लोगों से जो गाय का दूध पीकर छोड़ देते हैं और गाय को माता कहते हैं अगर वह गाय को माता समझते हैं तो अपने पशुओं को आवारा ना छोड़े और साथ में ही सरकार से गुजारिश करना चाहता हूं कि सरकार बहुत कुछ कर रही उन्हें इन आवारा पशुओं को दफनाने लिए भी कुछ करना चाहिए नहीं तो अगर खुले में यह मर पड़े रहेंगे तो इससे बिमारी फैलने का खतरा भी हो सकता है या इन आवारा पशुओं के बारे में कोई ठोस कदम उठाना चाहिए।