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पंजाब के सेवा केन्द्रों में पिछले 5 सालों की अपेक्षा अब तक सबसे कम केस बकाया: अमन अरोड़ा

चंडीगढ़। राज्य में सेवाएं प्रदान करने में ज़ीरो पैंडैंसी पहुँच को अपनाते हुए पंजाब सरकार सेवा केन्द्रों में बकाया मामलों की संख्या को घटाने में सफल हुई है और सेवा केन्द्रों में पिछले पाँच सालों की अपेक्षा अब तक सबसे कम केस बकाया हैं। इस सम्बन्धी जानकारी देते हुए पंजाब के प्रशासनिक सुधार और शिकायतों संबंधी मंत्री अमन अरोड़ा ने बताया कि हाल ही में बकाया मामलों की दर 0.10 प्रतिशत पर आ गई है, जिससे पता चलता है कि 99.90 प्रतिशत से अधिक आवेदनों का निर्णय निर्धारित समय-सीमा के अंदर किया जा रहा है। 

अमन अरोड़ा ने वीरवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए सेवा केन्द्रों के द्वारा दी जा रही नागरिक केंद्रित सेवाओं की समीक्षा के लिए समूह डिप्टी कमिश्नरों के साथ मीटिंग की अध्यक्षता कर रहे थे। इस दौरान कैबिनेट मंत्री ने राज्य में लोगों को उनके द्वार पर सेवाएं प्रदान करने सम्बन्धी पायलट प्रोजैक्ट की शुरुआत का भी जायज़ा लिया। उन्होंने समूह डिप्टी कमिश्नरों को जि़ला स्तर पर हरेक सम्बन्धित विभाग की निजी तौर पर निगरानी करने के लिए भी कहा, जिससे यह सुनिश्चित बनाया जा सके कि सभी आवेदनों को निर्धारित समय-सीमा के अंदर विचारा जा रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार अनावश्यक दस्तावेज़ी प्रक्रिया को खत्म करने और सेवा केन्द्रों में लगने वाले लोगों के चक्करों को घटाने के लिए लगातार यत्नशील है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार नागरिकों को पारदर्शी ढंग से निर्विघ्न सेवाएं सुनिश्चित बनाने के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रही है। 

कैबिनेट मंत्री ने बकाया मामलों की दर घटाकर 0.10 प्रतिशत तक लाने के लिए सभी डिप्टी कमिश्नरों और प्रशासनिक सुधार विभाग के अधिकारियों की सराहना की।  मीटिंग के दौरान ऑफ़लाईन सेवाओं की डिजीटाईज़ेशन, अलग-अलग सर्टीफिकेटों के एकसाथ करना, दस्तावेज़ों के निपटारे सम्बन्धी नीति, लम्बे समय से बकाया ऐतराज़ों के मामलों को निपटाने की प्रक्रिया, आधार बेस्ड ई-के.वाई.सी. की शुरुआत आदि समेत अलग-अलग सेवाओं की डिलिवरी में सुधार सम्बन्धी सुझावों पर भी चर्चा की गई। कैबिनेट मंत्री ने प्रशासनिक सुधार विभाग को डिप्टी कमिश्नरों द्वारा दिए सभी सुझावों की आलोचना करके तुरंत कार्यवाही करने के निर्देश दिए। 

अमन अरोड़ा ने प्रशासनिक सुधार विभाग के सॉफ्टवेयर सैल द्वारा चलाए जा रहे अलग-अलग सॉफ्टवेयर प्रोजेक्टों की समीक्षा करते हुए सॉफ्टवेयर सैल के समूह टीम सदस्यों के साथ बातचीत भी की। इस मीटिंग में डायरैक्टर प्रशासनिक सुधर गिरीश दयालन, सीनियर सिस्टम मैनेजर सुमित गर्ग, जनरल मैनेजर (तकनीकी) विनेश गौतम और अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।

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