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पंजाब में लगातार हो वर्षा से फसले ख़राब होने का बढ़ा खतरा, 6 जिलों में नमी की मात्रा 90 प्रतिशत तक पहुंची|

हिमाचल प्रदेश में हो रही बारिश के कारण पंजाब में भी इसका प्रकोप देखने को मिला है. जिस कारण पंजाब के कई जिलों में बाढ़ आ गई थी. वही, अब पंजाब राज्य के कई जिलों में लगातार हो रही बारिश के कारण वातावरण में नमी बढ़ने से फसलों पर कीटों और बीमारियों के हमले का खतरा और भी ज्यादा बढ़ गया है। इससे किसान काफी परेशान हैं। वहीं, लोग भी पिछले एक हफ्ते से उमस भरी गर्मी से काफी परेशान हैं। वे AC और कूलर के बीच भी राहत महसूस नहीं कर पा रहे हैं। उनको बेचैनी व घबराहट महसूस हो रही है। (Punjab News)

कई जिलों में मानसून के लिए अनुकूल परिस्थितियां बनी

पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (PU) के मौसम विभाग की वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. केके गिल के अनुसार वर्तमान समय में कई जिलों में मानसून के लिए अनुकूल परिस्थितियां बनी हुई हैं। इनमें अमृतसर, होशियारपुर, गुरदासपुर, तरनतारन, पठानकोट, नवांशहर विशेष रूप से शामिल हैं। इसके अलावा इन जिलों में हिमाचल में हो रही वर्षा का असर भी है। इसके चलते यहां नमी की मात्रा सामान्य से कहीं अधिक है। इस कारण राज्य में अब तक काफी नुक्सान भी हुआ हैं|

नमी की मात्रा 90 प्रतिशत तक पहुंची

मिली जानकारी के अनुसार, 20 से 25 अगस्त के दौरान इन जिलों में सुबह के समय नमी की मात्रा 90 प्रतिशत तक पहुंच चुकी है, जबकि सामान्य तौर पर इन दिनों में नमी की मात्रा 70 से 75 प्रतिशत के बीच रहती है। लेकिन इस बार मानसून सीजन के कारब नमी की मात्रा काफी हद तक बढ़ चुकी हैं. यहीं नहीं अधिकतम तापमान भी सामान्य से दो से तीन डिग्री सेल्सियस अधिक ही चल रहा है। बाकी राज्य में बादल छा रहे हैं, लेकिन वर्षा नहीं हो रही हैं। (Punjab News)

सुबह के समय नमी की मात्रा 80 से 82 प्रतिशत
बादल जो बन रहे हैं, उसमें इतनी नमी नहीं है कि वर्षा हो जाए। इस नमी की वजह से वातावरण में अधिक गर्मी है। उधर, लुधियाना में पिछले तीन दिनों से सुबह व शाम के समय नमी की मात्रा सामान्य से अधिक चल रही है। सुबह के समय नमी की मात्रा 80 से 82 प्रतिशत और शाम के समय 76 से 77 प्रतिशत दर्ज की जा रही है। सामान्य तौर पर इन दिनों में सुबह के समय 81 प्रतिशत और शाम के समय 67 प्रतिशत नमी रहती है।

फसलों पर बीमारियों का खतरा बढ़ा

दूसरा इस समय धान को पानी दिया जा रहा है। जिस कारण हवा में नमी बढ़ जाती है। नमी बढ़ने से इंसानों के साथ-साथ फसलों पर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। नमी बढ़ने पर फसलों पर कीटों के हमले की आशंका भी रहती है। जैसे काटन पर गुलाबी सूंडी और मूंगी पर सफेद मक्खी के हमले की आशंका अधिक हो जाती है। जिससे फसल ख़राब होने का खतरा होता हैं. पीएयू ने किसानों को अलर्ट किया है कि वह जायजा लेते रहें, ताकि बीमारियां या कीटों का हमला होने पर तत्काल आवश्यक कदम उठाए जा सकें। क्यूंकि इस समय पानी की नमी से फसले ख़राब होने का खतरा पहले ही बढ़ा हुआ हैं| (Punjab News)

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