सरकाघाट। अटारी लेह सरकाघाट धर्मपुर कोटली मंडी निर्माणधीन नेशनल हाईवे के ठेकेदारों द्वारा सरकाघाट विद्युत विभाग की बिल्डिंग के नीचे दिए जा रहे डंगे की गुणवत्ता को लेकर ना सिर्फ खासा बवाल मच गया। बल्कि विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने सड़कों पर उतरकर इसका निर्माण भी बंद करवा दिया। इन्होंने आरोप लगाया कि जब तक हाईवे के अधिकारी खुद मौके पर आकर निर्माण कार्य की गुणवत्ता नहीं जांचते हैं तब तक वह डंगे का निर्माण किसी भी हालत में नहीं होने देंगे तमाम कर्मचारियों द्वारा सड़क पर इसका विरोध करने के कारण न सिर्फ ट्रैफिक जाम हुआ, बल्कि इंजीनियरिंग के बीच बचाव के चलते काम भी रोक दिया गया है।
दरअसल, टिहरा मोड़ के पास सड़क चौड़ा करने को लेकर की गई खुदाई के चलते सरकाघाट विद्युत विभाग के आगे पहाड़ी धंस गई और आंगन और पौड़िया गिर गई। जिसके कारण पूरे परिसर को खतरा पैदा हो गया था। बरसात थमने के बाद हाईवे द्वारा इसे लेकर करीब 100 मीटर लंबा डंगा लगाया जा रहा है। आरोप है कि दिन के बजाय निर्माण कंपनी द्वारा रात को इसका काम करवाया जा रहा है और कंक्रीट के बजाय इसमें बड़े-बड़े पत्थर डाले जा रहे हैं जो कि नियमों के विपरीत है बुधवार को जैसे ही विभाग के अधिकारी और कर्मचारी कार्यालय पहुंचे तो उन्होंने डंगे के भीतर कंक्रीट के बजाए भारी-भारी पत्थर डाले देखें और इसकी इलाइनमेंट भी बेतरत्तीब होता देखकर तमाम अधिकारी कर्मचारी गुस्सा हो गए।
उन्होंने मौके पर हाईवे के अधिकारियों को फोन करके इसका निर्माण रुकवा दिया। सरकाघाट विद्युत विभाग के सहायक अभियंता इंजीनियर राज सिंह पाराशर ने कहा कि जब तक गुणवत्ता सुधरी नहीं जाती तब तक ना तो वह डंगा बनने देंगे और ना ही कोई भी निर्माण कार्य आरंभ करने देंगे। उधर, प्रदेश विद्युत विभाग कर्मचारी यूनियन के कोषाध्यक्ष मदन भारती ने कहा कि हाईवे के अधिकारी कोई भी सुनवाई नहीं कर रहे हैं। इन्होंने कहा की कंपनी के ठेकेदारों द्वारा की गई गलत कटाई के कारण ही विभाग को 3 करोड़ का नुकसान हुआ है और पूरे भवन को खतरा बना हुआ है। जब तक गुणवत्ता की जांच नहीं की जाती तब तक किसी भी हाल में डगों का निर्माण शुरू नहीं करने दिया जाएगा। उन्होंने सड़क परिवहन मंत्री नितिन गड़करी से इस सारे मामले की जांच की मांग की है।
भूस्खलन होने के कारण हुआ डंगा क्षतिग्रस्त- प्रोजेक्ट इंजीनियर
उधर, हाईवे के डंगे के प्रोजेक्ट की निगरानी कर रहे हैं प्रोजेक्ट इंजीनियर पुनीत सोनी ने कहा की भारी बारिश के कारण पहाड़ी से पत्थर गिरने के चलते ही निर्माणधीन डंगा और सैट्रिंग क्षतिग्रस्त हुई है। कर्मचारी बेवजह बवाल पैदा कर रहे हैं प्रोजेक्ट में गुणवत्ता से कोई भी समझौता नहीं किया जाता है नए सिरे से डंगा लगाया जाएगा।