
(कमलेश भारतीय)……
नगर के काॅलेज से चल कर महेंद्रगढ़ के राजकीय काॅलेज तक जो दाग लगाये और दिखाये जा रहे है , ये अच्छे नहीं हैं किसी भी सभ्य समाज के लिए ! बहुत दुख होता है जब बार बार एक ही काॅलेज चर्चाओं में आता है । किसी भी मेले में जाने के आदेश लिखित ही तो मांगे थे , कोई गुनाह तो नहीं किया था । फिर किस बात की जांच कमेटी और कैसी जांच और कैसा जांच करने का तरीका ? कौन सी जांच बंद कमरे में की जाती है ? क्यों ? कमरा बंद कर जांच क्यों ?
इसी प्रकार राजकीय काॅलेज , महेंद्रगढ़ की छात्राओं के यौन शोषण का मामला है । पहले तो छात्राएं सामने आते ही डरती हैं और काफी हद तक सहती हैं लेकिन जब उनकी सहनशक्ति जवाब दे जाती है , फिर वे खुलकर सामने आ जाती हैं । यही महेंद्रगढ़ की छात्राओं ने किया । अब वे खुलकर सामने आ चुकी हैं और उनका यह भी विरोध है कि आखिर ऐसे प्राध्यापक को इतनी जल्दी जमानत कैसे मिल गयी ? क्या सजा मिली प्राध्यापक को ? क्यों कड़ी कार्यवाई नहीं की गयी या ऐसी धाराएं क्यों नहीं लगाई गयीं जो प्राध्यापक को सबक सिखाती ! छात्राओं ने अपने सारे दुख एएसपी को खुलकर सुना दिये ! अब किस सोच में है काॅलेज प्रशासन और पुलिस ?
महिला कोच ने भी खेलमंत्री संदीप सिंह पर खुलकर यौन शोषण और छेड़छाड़ के आरोप लगाये थे । क्या हुआ अब तक ? सिर्फ लम्बी लम्बी पूछताछ ! जिससे घबराकर महिला कोच ने कहा कि ऐसे लगता है कि वही दोषी है , बहुत बड़ा पंगा ले लिया ! अब हालत यह है कि मकान मालिक मकान खाली करने का नोटिस दे रहा है । यह दबाब कौन बना रहा है ? एक करोड़ रुपये देने की पेशकश किसने की ? जब पता चल गया तो कोई कार्यवाही क्यों नहीं सामने आई ? सब कसूर महिला कोच का या छात्राओं का है क्या ?
छात्राएं सामने न आयें , मनमानी करने दें ? महिला कोच चुपचाप चैटिंग करती रहे और कुछ भी सह ले तो बहुत बढ़िया ? नहीं ! ये दाग अच्छे नहीं हैं , हुजूर ! बेटी बचाओ और बेटी के सम्मान की रक्षा कीजिए ! बेटियां ही आपकी शान हैं ।
बेटियां ! बाप की पगड़ी
बेटियां ! मां की चुनरी
बेटियों को बचाओ