शक्तिपीठ ज्वालामुखी में चैत्र नवरात्रों का आगाज बहुत ही शानदार रहा था।
आज नवरात्रि के चौथे दिन मां दुर्गा के चतुर्थ स्वरूप मां कूष्मांडा की पूजा का विधान है। मां दुर्गा के सभी स्वरूपों में मां कूष्मांडा का स्वरूप बहुत ही तेजस्वी है। मां कूष्मांडा सूर्य के समान तेज वाली हैं। कहते हैं जब संसार में चारों ओर अंधियारा छाया था, तब मां कूष्मांडा ने ही अपनी मधुर मुस्कान से ब्रह्मांड की रचना की थी। मां कूष्मांडा की पूजा से बुद्धि का विकास होता है। साथ ही जीवन में निर्णय लेने की शक्ति बढ़ती है।
आज चौथे दिन भक्तों की संख्या में थोड़ा इजाफा देखा गया।
सुबह 4 बजे ही श्रध्दालु लाइनो में दिखे।
वहीं आज ज्वालामुखी में मेघ खूब जमकर बरसे जिस बजह से श्रद्धालु भीगते हुए जयकारों के साथ ज्वालामुखी मन्दिर में पहुंचे।
बाहरी राज्यो से आये श्रद्धालुओ ने बताया कि दर्शन सुविधाजनक हुए कोई परेशानी नही हुई, प्रसाशन के इंतजाम बेहतर दिखे केवल बारिश में टेंट व वाटर प्रूफ टेंट की कमी नजर आई।