मणिपुर में हिंसा थमने का नाम ही नहीं ले रही. पिछले 3 महीने से जारी हिंसा के चलते अब तक न जाने कितने लोगों ने अपनी जान गवा दी. ताजा मामला शुक्रवार को उखरूल जिले के कुकी थोवई गांव में देखने को मिला, जहां भारी गोलीबारी के चलते तीन युवकों के क्षत-विक्षत शव मिले। (Manipur Violence)
तीन युवकों के मिले शव
अधिकारियों ने बताया कि लिटन पुलिस थाने के अंतर्गत आने वाले गांव से सुबह-सुबह भारी गोलीबारी की आवाजें सुनी गईं। उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा आसपास के गांवों और वन क्षेत्रों में गहन तलाशी के बाद 24 साल से 35 साल की उम्र के तीन युवकों के शव मिले। अधिकारियों ने कहा कि तीनों लोगों के शरीर पर तेज चाकू से चोट के निशान हैं। उनके अंग भी कटे हुए हैं। हालांकि, मणिपुर में लगातार हिंसा जारी हैं|
तीन मई से भड़की हिंसा
अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा देने की मैतेई समुदाय की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ आयोजित किए जाने के बाद 3 मई को पूर्वोत्तर राज्य में जातीय झड़पें हुईं। मणिपुर की आबादी में मेइतेई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं। वहीं, आदिवासी नागा और कुकी की आबादी 40 प्रतिशत से कुछ अधिक हैं। वे पहाड़ी जिलों में रहते हैं। हालांकि, इस हिंसा के चलते न जाने कितने लोगों ने अपनी जान गवाई और तो और इस हिंसा के कारण मणिपुर में लोगों ने महिलाओं से बदसलूकी करी. जिसकी कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर भी वायरल हुई थी. अब देखना यह हैं कि सरकार इस विषय पर क्या निर्णय लेगी| (Manipur Violence)