मनाली-लेह मार्ग पर बर्फ और ठंडी फिजाओं के बीच विश्व विख्यात चंद्रताल और सूरजताल झील को करीब से निहारने के लिए अभी पर्यटकों को इंतजार करना होगा। मई में हुई भारी बर्फबारी के चलते पर्यटक इन झीलों का दीदार नहीं कर सकेंगे। समुद्रतल से 4,850 मीटर ऊंची सूरजताल झील अभी बर्फ की आगोश में है।
पर्यटकों की सुरक्षा को देखते हुए प्रशासन ने इस ओर आवाजाही पर रोक लगाई है। हालांकि, चंद्रताल और सूरजताल झील को करीब से निहारने के लिए कोकसर और सिस्सू आने वाले पर्यटक बेताब हैं। लाहौल प्रशासन ने पर्यटकों को दीपकताल झील तक ही जाने की अनुमति दी है। पर्यटकों को दारचा से आगे बढ़ने के लिए पुलिस चेक पोस्ट दारचा में पंजीकरण करवाना होगा। जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति के उपायुुक्त राहुल कुमार ने सरचू सड़क की बहाली अभियान का मौके पर पहुंचकर निरीक्षण किया।
उन्होंने गत शुक्रवार को सूरजताल और इसके आसपास के क्षेत्र का जायजा लिया। निरीक्षण में पाया कि पर्यटकों को सूरजताल की ओर भेजना अभी सुरक्षित नहीं है। गौर रहे कि मनाली-लेह सड़क पर मई माह में सफर बर्फ के दीवारों के बीच रोमांच और जन्नत सा अहसास दिलाता है। सीमा सड़क संगठन के जवान मनाली-लेह मार्ग स्थित सरचू तक यातायात बहाली में जुटे हैं, लेकिन भारी बर्फबारी से अभियान पर पानी फिरा है।
सीमा सड़क संगठन (38 बीआरपीएफ ) ने मनाली से हिमाचल सीमा सरचू तक अपने अधीन 222 किमी लंबी सड़क से 25 मार्च को रिकॉर्ड समय पर बर्फ हटा दी थी। मई में बर्फबारी और खराब मौसम के कारण मनाली-लेह सड़क अभी यातायात के लिए बहाल नहीं हो सकी।