(सुमित ओबेरॉय)- एक फरवरी को 2023 – 24 का बजट पेश होगा जिसमें किसानों के लिए क्या खास रहेगा, किसान क्या चाहते हैं? 2022 – 23 के बजट में जानने के लिए जी मीडिया की टीम ने यमुनानगर में किसानों से उनकी राय जानी, किसानों ने कहा कि आज के दौर में सभी चीजें महंगी हो चुकी हैं, लेकिन किसान की फसलों के दाम आज भी सरकार पूरे नहीं दे पा रही, किसानों की फसल में गिरने वाला खाद, डीजल तेल व पेस्टिसाइड के काफी दाम बढ़ चुके हैं, लेकिन किसानों की फसलों की कीमतें में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई, वहीं पर किसानों ने कहा कि सरकार को किसानों की राय लेकर बजट पेश करना चाहिए, ताकि आम आदमी को भी महंगाई की मार ना पड़े और किसानों को भी उनकी फसलों के उचित दाम मिलते रहे, उन्होंने कहा कि कोई भी सामान खरीदने के लिए आज कीमतें आसमान छू रही हैं।
वहीं पर ज़ब किसानों से बात की कि वह दलहन और तिलहन जैसी खेती पर जोर दें ताकि सरकार की तरफ से भी किसानों को लाभ मिल सके, उन्होंने कहा कि उनकी जमीन इस इस काबिल नहीं है कि इसमें तिलहन या दलहन जैसी खेती की जाए, अलग-अलग किसानों की अलग-अलग राय सामने आई किसी ने उचित मूल्य के दम के लिए कहा तो किसी ने कहा कि सरकार को एक बार किसानों से चर्चा करने के बाद ही किसानों के लिए बजट तैयार करना चाहिए।
वहीं पर इंप्लीमेंट पर अनुदान को लेकर किसानों ने कहा कि एक गरीब किसान के लिए अनुदान लेना भी बड़ा मुश्किल होता है क्योंकि एक इंप्लीमेंट की कीमत लाखों रुपए में होती है यदि उस किसान के पास रुपए पैसे होंगे तो अनुदान भी तभी लेगा जब वह पहले इंप्लीमेंट्स के नाम पेमेंट जमा करवाएगा, सरकार को चाहिए कि यह अनुदान राशि पहले ही दी जाए ताकि किसान बाकी रकम देकर इंप्लीमेंट खरीद सके ।
वहीं पर प्रधानमंत्री किसान योजना को लेकर जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि सरकार साल में ₹6000 किसानों को सहायता देती है तो यह सारा सी भी बढ़ाई जाए ताकि महंगे होने वाले खाद व पेस्टिसाइड को फसलो मैं समय पर डाल सके, कुल मिलाकर यदि बात की जाए तो किसानों का कहना था कि एक बार सरकार को किसानों के साथ बजट पेश करने से पहले राय ले लेनी चाहिए थी।