पिछले 2 दिन से रुक-रुक कर हो रही बरसात के कारण झज्जर की अनाज मंडी में खुले आसमान के नीचे पड़ी गेहूं की फसल भीग गई । गेहूं की फसल भीगने से आढ़ती बेहद परेशान है। उनका कहना है कि अब इस गेहूं की फसल को सुखाकर वापस बोरियों में भरा जाएगा और उसके बाद वेयरहाउस भेजा जाएगा। वही आढ़तियों ने आरोप लगाए हैं कि अगर सरकार फसल का उठान सही ढंग से करवाती, तो यह फसल नहीं भीगती और उन्हें नुकसान नहीं होता। वहीं मार्केट कमेटी सचिव का कहना है कि किसानों को इससे कोई परेशानी नहीं होगी जल्द ही उनकी पेमेंट हो जाएगी।
कुदरत की मार के चलते पहले तो गेहूं की फसल से किसानों को भारी नुकसान हुआ। तो वही मंडी में पहुंचने के बाद भी गेहूं की फसल आढ़तियों की परेशानी का सबब बनी हुई है। झज्जर की मंडी में खुले आसमान के नीचे रखी गेहूं की बोरियां बरसात के कारण भीग गई हैं और गेहूं के खराब होने का खतरा बना हुआ है। यहां के आढ़तियों का कहना है कि उन्होंने पूरे इंतजाम किए थे कि फसल ना भीगे लेकिन इसके बावजूद फसल भीग गई है। जिससे उन्हें भारी नुकसान होने वाला है क्योंकि अभी गीले गेहूं को वापस बोरियों से निकालकर सुखाया जाएगा और सूखने के बाद बोरियों में भरकर वेयरहाउस भेजा जाएगा और तभी जाकर किसान की पेमेंट उनके खातों में आएगी और आढ़तियों को उनका कमीशन मिलेगा।
वहीं मार्केट सचिव सविता सैनी का कहना है कि किसानों को कोई नुकसान नहीं होगा। उनकी पेमेंट धीरे-धीरे उनके खातों में भेजी जा रही है। हालांकि फसल नाभि गई इसके लिए तमाम इंतजाम किए गए थे पंप सेट भी लगवाया गया था मगर बरसात तेज होने के कारण फसल भीग गई है। उन्होंने भी माना की फसल का उठान सही ढंग से नहीं हुआ इसीलिए गेहूं की फसल भीगी है।
हम आपको बता दें कि झज्जर की अलग अलग अनाज मंडियों में करीब 1 लाख 27 हजार मीट्रिक टन गेहूं की आवक हुई है। वहीं 83 लाख मीट्रिक टन गेंहू का उठान भी हो चुका है। बरसात के कारण मंडी के खुले आसमान के नीचे रखी गेंहू की फसल भीगी है। ऐसे में बरसात के कारण भीगी फसल के खराब होने का भी खतरा बना हुआ है।