चंडीगढ़- सत्ता में आने से पहले आम आदमी पार्टी (आप) ने वादा किया था कि जो युवा नौकरी से वंचित होंगे यानी बेरोजगार होंगे, उन्हें बेरोजगारी लाभ दिया जाएगा, लेकिन सरकार अपने अन्य वादों की तरह इस वादे को भी भूल गई है. अब सवाल यह उठता है कि, सरकार ने अपना डेढ़ साल पूरा कर लिया है और करीब 30 हजार युवाओं को नौकरी देने का दावा किया है, क्या सरकार बेरोजगारों की मांग के अनुरूप उन्हें छोटी नौकरी या बेरोजगारी भत्ता देने की घोषणा करेगी? (Punjab News)
नासा के महासचिव पंजाब सुरिंदर सिंह धतौंदा ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि नियमित रोजगार न मिलने के कारण अपनी आयु सीमा पार कर चुके युवा बेरोजगारी लाभ के इंतजार में अपनी डिग्रीयों को कोसते हुए सरकारों को कोसते नजर आ रहे हैं। धतौड़ा ने कहा कि बेशक राजनीतिक दल सत्ता में आने से पहले बड़े पैमाने पर रोजगार गारंटी के वादे करते हैं। लेकिन सत्ता में आने के बाद भूल जाते हैं|
धतौंदा ने कहा कि बेशक भारत में रोजगार के अवसरों का मुख्य कारण देश में बढ़ती जनसंख्या भी है, लेकिन रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए बिना किसी भी राज्य और देश का विकास नहीं हो सकता। क्योंकि देश और प्रदेश में किसान और मजदूर भाई भी संघर्ष कर रहे हैं और मजदूर वर्ग संतुष्ट नजर नहीं आ रहा है। पेंशन और मनरेगा योजना के तहत रोजगार दिया जाए, चाहे वह किसी भी वर्ग का हो। (Punjab News)