संधोल के 52 महिलामण्डल ओर समूहों ने स्टाफ के आभाव में चल रहे संधोल सिविल अस्पताल को लेकर सैंकड़ो महिलाओँ ने विश्राम गृह से लेकर मुख्य बाजार व लघु सचिवालय तक पैदल मार्च कर के आज भी सरकार से यंहा जल्द स्टाफ भेजेंगे की गुहार लगाई।अब हर रोज 10 बजे से दोपहर बजे तक क्रमिक धरने के सिलसिला शुरू कर दिया है।क्षेत्र भर से इक्कठा हुए करीब 53 महल मण्डलों के सदस्यों ने यंहा अपनी उपस्थिति दर्ज करवा दी लेकिन शादियों ओर त्यौहार के चलते कुछ महिलाओं ने महज समर्थन ही दिया था।महिला मंडलो की मांग थी कि संधोल हस्पताल महिला विशेषज्ञ,ऑर्थो, ओर अन्य विशेषज्ञ के साथ साथ अल्ट्रासाउंड ओर एक्स रे तकनीशियन आदि के सभी खाली पड़े भरे जाएं साथ ही अस्पताल और लघु सचिवालय के अधूरे भवनों का कार्य शुरू किया जाए अन्यथा फिर इससे भी अधिक महिला मंडलो को इक्क्ठा कर सरकार के विरोध में क्रमिक अनशन शुरू कर आंदोलन अब शुरू कर दिया है। हालांकि आज भी महिलाओं ने सिर्फ शांति पुर्ण मार्च निकाला और विरोध के कोई नारे भी नही लगाये।इन्होने चेताया भी आज के बाद स्थानीय विधायक व प्रशासन अगर इन सब के बीच भी मौन ही बने रहे तो महिलायें तब तक सब्र में हैं जब तक प्रशासन हद में हैं।इसके बाद वो अन्य गैर राजनीतिक संगठन से मिलकर लम्बी लड़ाई लड़ने के लिए नई रणनीति भी बनाएंगी।
अस्पताल को लेक इन महिलाओं ने बताया कि पिछले अरसे भर बनी इस समस्या को लेकर कई बार सरकार से पत्राचार किया।अब आंदोलन ही एक मात्र विकल्प बचा है।
ज्ञात रहे कि इस अस्पताल को लेकर पहले ही क्षेत्र के समाजसेवी ने प्रदेश न्यायालय में याचिका डाली थी जिसमे सरकार को यंहा शीघ्र विशेषज्ञ भेजने के निर्देश भी दिए थे लेकिन आज तक यंहा स्टाफ का टोटा बना ही रहा।कहने को ये पिछले 3 दशक से यंहा खंड चिकित्सा का कार्यलय भी है लेकिन यंहा पिछले अरसे भर से ये पद खाली पड़ा है और समन्धित कार्य भी अब धर्मपुर से शुरु हुए हैं। 3 माह पहले धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र के लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती के आदेश हुए थे लेकिन सब के सब धर्मपुर अस्पताल में ही उनकी तैनात कर दिए गए।इधर खंड चिकित्सा कार्यालय को भी धर्मपुर ले जाने की अफवाहों के बीच महिलाओं ने बताया कि अगर ये सब पहले जैसे कल्याण आफिस की तरह यंहा से तब्दील किया तो अंजाम बहुत ही बुरे होंगे।
महिलाओं में इस दौरान गुस्सा इसलिए भी ज्यादा गुस्सा था कि पिछले 6 वर्षों में अब तक यंहा कभी कोई डिलीवरी भी नही हो पाई ऐसे में ये अस्पताल महज रैफर वाला हस्पताल बन गया है इधर पर्चियो के नाम पर लम्बी पर्चियां ही हाथ लगतीं हैं।
इस सारे प्रदर्शन व महिला मंडलो की संयोजक पुनम ठाकुर ने बताया कि पिछले अरसे भर से वह अस्पताल के लिए स्थानीय लोग बराबर स्टाफ़ की मांग करतें रहें है लेकिन अभी तक महज आश्वासन ही हाथ लगे । लेकिन अब यंहा मूलभूत सुविधाओं से वंचित ओर भगवान भरोसे छोड़े गए दर्जन भर से ज्यादा पंचायतों के बाशिंदे अपने हकों की लड़ाई लडना जानतें हैं।इसलिए जब तक सरकार उनकी बात नही मानती तब तक महिलाओं को अब मोर्चा खोलना ही होगा।
इस दौरान महिला मंडल संधोल,डयोढी,डयोढी 2,सोहर,कछाली, दतवाड, चेलबलही,कोठवाँ काल्रतरी,बैरी, दयोल,रसाडी,संधोल,कून घनाला सहित कई महिला मण्डलों ने भाग लिया।
