सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को वीवीपैट से जुड़े मामले में सुनवाई हुई। कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा कि चुनावी प्रक्रिया में शुचिता होनी चाहिए। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा कि यह एक चुनावी प्रक्रिया है, इसमें पवित्रता होनी चाहिए। किसी को भी यह आशंका नहीं होनी चाहिए कि जो कुछ संभावनाएं बनती हैं, वह नहीं किया जा रहा हैवीवीपैट के साथ डाले गए वोटों के सत्यापन की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही सुप्रीम कोर्ट की बेंच के सामने मौजूद ईसीआई अधिकारी ने ईवीएम और वीवीपैट की कार्यप्रणाली के बारे में बताया। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की आलोचना करने वालों की निंदा की थी। कोर्ट ने कहा था कि देश में चुनाव कराना एक बड़ी चुनौती है, ऐसे में हमें सिस्टम को पीछे की तरफ नहीं ले जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में उस समय का भी जिक्र किया, जब बैलेट पेपर से चुनाव होते थे और मतपेटियां लूट ली जातीं थी।
- पीठ ने कहा कि आप जर्मनी की बात कर रहे हैं, लेकिन वहां की जनसंख्या क्या है। मेरे गृहराज्य बंगाल में भी जर्मनी से ज्यादा जनसंख्या है। हमें चुनावी प्रक्रिया में विश्वास रखना चाहिए और इसे पीछे की तरफ से नहीं खींचना चाहिए।
- पीठ ने कहा कि भारत में करीब 98 फीसदी पंजीकृत मतदाता हैं। वोटों की गिनती में कुछ गड़बड़ी हो सकती है, जिसे दूर किया जा सकता है।
- जस्टिस खन्ना ने कहा कि हमने वो वक्त भी देखा है, जब ईवीएम नहीं थी। हमें ये बताने की जरूरत नहीं है कि उस समय क्या होता था।’ उन्होंने कहा कि किसी प्रक्रिया में इंसानों के दखल से समस्या होती है और पक्षपात होने की आशंका होती है, लेकिन मशीनें बिना किसी इंसानी दखल के सही तरीके से काम करती हैं।