पांच बजते-बजते दिल्ली 100 किमी प्रति घंटे की चाल से चल रही आंधी की चपेट में थी। साथ ही बारिश भी हो रही थी। इससे सड़क पर चलना मुश्किल हो रहा था। इसी दौरान मुख्य सड़कों समेत इनसे जुड़ी सड़कों पर भी एक के बाद एक पेड़ गिरने लगे। देखते ही देखते ज्यादातर सड़कें पेड़ों से अटी पड़ी रहीं। इससे आवाजाही बाधित हुई। सप्ताह के पहले कार्यदिवस की शाम का पीक आवर्स शुरू होने से सड़कों पर वाहनों की लंबी लाइन लग गई। पेड़ गिरे होने से उद्यान मार्ग समेत कई सड़कें दोनों तरफ से बंद हो गईं। इस दौरान नई दिल्ली इलाके का एक भी मार्ग ऐसा नहीं बचा जिस पर पांच से 10 पेड़ नहीं गिरे हो। इतना ही नहीं, मंत्रियों एवं सांसदों के बंगलों में भी पेड़ गिर गए। अकेले एनडीएमसी इलाके में 101 स्थानों पर पेड़ गिरने की शिकायत दर्ज कराई गई है। जबकि एमसीडी इलाके में 90 पेड़ गिरे।
नई दिल्ली इलाके में कई जगह वाहनों पर पेड़ गिर गए। इस दौरान वाहन क्षतिग्रस्त हो गए, वहीं सड़कों पर पेड़ गिरने से यातायात अवरूद्ध हो गया। गोल मार्केट के पास उद्यान मार्ग समेत कई मार्ग पूरी तरह बंद हो गए। इसके अलावा कुछ मार्गों पेड़ों के टहने भी टूट गए। आंधी इतनी तेज थी कि कनॉट प्लेस स्थित एलआईसी बिल्डिंग में लगे विंडो एसी भी उसे झेल नहीं सके। यहां कई एसी गिर गए, जबकि कुछ एसी लटक गए, वहीं विजय चौक पर यातायात पुलिस का बूथ भी गिर गया। इस बूथ पर यातायात चलाने के लिए बत्ती भी लगी हुई थी। लिहाजा यहां पर यातायात व्यवस्था चरमरा गई।