जिला कुल्लू में सूखे की मार पड़ने से फलों और नगदी फसलों को नुकसान होने लगा है। इससे नगदी फसल टमाटर के पौधों का विकास थम गया हैं। साथ ही कई बीमारियों की चपेट में टमाटर की फसल आने लगी है। ऐसे में किसानों को आर्थिक तौर पर नुकसान हो रहा है। फसल के प्रति किसानों को चिंता सताने लगी है। जिला कुल्लू में 35 फीसदी फसल को सूखे के कारण नुकसान हो गया है। टमाटर पर माइट, स्केम ब्लाइट और कई बीमारियों ने भी हमला बोल दिया है। सबसे ज्यादा नुकसान असिंचित क्षेत्रों में हो रहा है, जहां खेती बारिश पर ही निर्भर है। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि खेतों में नमी गायब होने से नकदी फसलें बरबाद हो रही हैं।
इससे किसानों की टमाटर सहित अन्य फसलों को भी नुकसान हो रहा है। जिले में करीब 1,500 हेक्टेयर भूमि पर टमाटर की खेती हो रही है। सैकड़ों किसान टमाटर के उत्पादन से अच्छी आमदनी अर्जित कर रहे हैं, लेकिन इस साल मार्च से पर्याप्त बारिश न होने से तमाम फसलों को नुकसान पहुंच रहा है। हालांकि, बीच में बारिश तो हुई है, लेकिन पर्याप्त बारिश न होने से नमी लंबे समय तक नहीं बन पा रही है। अगर बारिश कुछ दिन नहीं होती है तो नुकसान और ज्यादा होगा।